रविवार, 12 अप्रैल 2020

मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि bhajan ratti nath ji Lyrics

मर्यादा बिगड़ गयी झ्यान कि
कलयुग ने मचा दिया रोला
पेली ब्राह्मण होया करता वेद बांच कर सोया करता
अब फीर गलियों में भटकता, फिरता पैसा मांगता
बे गाव राग चौबोला....
पेली क्षत्रिय होया करता घेरी गाय मोडया करता
सिर दुश्मन को फोड़या करता लड़ता छाजूदार से
अब लेण लाग गया ओला....
बैठ बणियाँ अकल बिचारी घर की हाट बणाली न्यारी
हळदी,धनियां,लूण,सुपारी तौले डांडी मार के
बे बण बैठ्या घट तोला....
कह दोराणी सुण ए जिठानी तू ही पिसल्या भरल्या पाणी
में तो घर बैठी रहूं स्याणी, तू रह मेरी टैल म
ना काढूं र जेठ से ओला....
कह सुखीराम सुणो भाई चेलो भरी सभा म मारयो हैलो
सुफल काम को लेल्यो गेलो भजन करो भगवान
नर मत कर झूठा रोळा....
कलयुग ने मचा दिया रौला

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...