कब त्यारोगे
मेरे राम,
मेरा अवगुण
भरया शरीर
|
अवगुण भाया शरीर, मेरा अवगुण भरया शरीर ||
अंका त्यारे बंका त्यारे, त्यारे सजन कसाई |
सुवा पढ़ावत गणिका त्यारी, त्यारी मीरा बाई ||
धने भगत का खेत संवार्या, नानी छान छवाई |
सेन भगत का सांसा मेट्या, आप बने हरी नाई ||
ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे, और गजराज उबारे |
नरसी जी का भात भरयो जदम रूप संवारो धारयो ||
काशी के हम वाशी कहिजे, नाम है मेरा कबीरा |
करणी करके पार उतरज्या, जात वरण कुल हीरा |
अवगुण भाया शरीर, मेरा अवगुण भरया शरीर ||
अंका त्यारे बंका त्यारे, त्यारे सजन कसाई |
सुवा पढ़ावत गणिका त्यारी, त्यारी मीरा बाई ||
धने भगत का खेत संवार्या, नानी छान छवाई |
सेन भगत का सांसा मेट्या, आप बने हरी नाई ||
ध्रुव तारे प्रहलाद उबारे, और गजराज उबारे |
नरसी जी का भात भरयो जदम रूप संवारो धारयो ||
काशी के हम वाशी कहिजे, नाम है मेरा कबीरा |
करणी करके पार उतरज्या, जात वरण कुल हीरा |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें