सुन सुन है म्हारी काया ऐ लाड़ली
काया के दाग़ लगाए मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
या काया थारी हीरा वरणी -(2)
हीरा मे कांकरा मिलाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
आ काया थारी सोना वरणी-(2)
सोना म खाद मिलाई मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
या काया थारी मोती वरणी -(2)
मोती को पानी गवाए मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
या काया थारी कोयल वरणी -(2)
कोयल से कागा बनाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
या काया थारी हंसा वरणी -(2)
हंसा से बुगलो बनाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
कहत कबीर सुनो भाई साधो -(2)
सांता को साथ गावाये मत ना
साधा को साथ गावाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना
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