बुधवार, 15 अप्रैल 2020

राम रिझाया थारी आत्मा रीझे, Ram Ji Rijhaya Thari Aatma Rijh lyrics, Bhajan Lyrics Ratti Nath Ji


राम रिझाया थारी आत्मा रीझे, दुनिया रिझेगी रे मिठो बोल्या से |
भरम गाँठ हो ज्याय पर घर डोल्या से ||

आदर भाव गुणा से मोटा, नहीं करया कर देखो जी |
दुश्मन झुक्ज्या उनके आगे, तुरंत फुरत लेवे लेखो जी |
विष अमृत हो ज्याय मिठो बोल्या से, |
भरम गाँठ हो ज्याय पर घर डोल्या से ||

खेत की खातिर बाड लगाई बाड खेत ने खावे जी |
पर हाथा कोई चीज मंगाई, बा पूरी कद आवे जी |
मनका विश्वास जाय पाछे तोल्या से |
भरम गाँठ हो ज्याय पर घर डोल्या से

मित्र करो तो राखो मित्रता, मित्र फल ना चाखो जी |
जे मित्र में अवगुण हो तो, परदे भीतर राखो जी |
दुनिया हँसेगी परदों खोल्या से |
भरम गाँठ हो ज्याय पर घर डोल्या से ||

भरम भरम में सब कोई भरम्या, भरम भेद पायो जी |
मिनख जमारो बन्दा एलो मत खोवे, श्याम बड़ो जस गायो जी |
कर तेरो कल्याण सांचो बोल्या से |
भरम गाँठ हो ज्याय पर घर डोल्या से |

4 टिप्‍पणियां:

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...