श्री गणेश काटो क्लेश, नित्य हमेशा ध्यावाँ थाँने
अरजी करां दरबार में मनवा थाने,
अरजी दरबार में करता सरकार में, श्री गणेश काटो....!!
दुंद दुंदाला देवा शूँड शूँडाला !
मोटा मूँड लम्बी शूंड भरके दूंद !! ध्यावा थाने.....!!१!!
पुष्पन माला नयन विशाला !
चढ़े सिन्दूर बरसे नूर, दुश्मन दूर !!ध्यावा थाने....!!२!!
रिद्धि सिद्धि नारी देवा, लागै पियारी !
रिद्धि सिद्धि नार , भरया भंडार, सेवा अपार !!ध्यावा थाने......!!३!!
देवसेना ओ बाबा थारो गुण गावे, गुरू चरणा मे शीश नवावें !
द् यो वरदान, मांगु दान, करो कल्याण !! ध्यावा थाने....!!४!!
श्री मोतीसिंह जी द्वारा रचित।