शनिवार, 12 जनवरी 2019

कोई पीवो राम रस प्यासा Koi Pio Ram Ras Pyara Lyrics

कोई पीवो राम रस प्यासा, कोई पीवो राम रस प्यासा।
गगन मण्डल में अली झरत है, उनमुन के घर बासा॥टेर॥

शीश उतार धरै गुरु आगे, करै न तन की आशा।
एसा मँहगा अमी बीकर है, छः ऋतु बारह मासा॥1॥

मोल करे सो छीके दूर से, तोलत छूटे बासा।
जो पीवे सो जुग जुग जीवे, कब हूँ न होय बिनासा॥2॥

एंही रस काज भये नृप योगी, छोडया भोग बिलासा।
सहज सिंहासन बैठे रहता, भस्ती रमाते उदासा॥3॥

गोरखनाथ, भरथरी पिया, सो ही कबीर अम्यासा।

गुरु दादू परताप कछुयक पाया सुन्दर दासा॥4॥

भजन बिना कोई न जागै रे Bhajan Bina Koi N Jage Re Lyrics

भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै।
तेरा जनम जनम का पाप करेड़ा, रंग किस बिध लागे रै॥टेर॥

संता की संगत करी कोनी भँवरा, भरम कैयाँ भागै रै।

राम नाम की सार कोनी जाणै, बाताँ मे आगै रै ॥1॥

या संसार काल वाली गीन्डी,टोरा लागे रै।

गुरु गम चोट सही कोनी जावै, पगाँ ने लागे रै॥2॥

सत सुमिरण का सैल बणाले, संता सागे रै।

नार सुषमणा राड़ लडै जद, जमड़ा भागै रै॥3॥

नाथ गुलाब सत संगत करले, संता सागे रै।

भानीनाथ अरज कर गावै, सतगुराँजी के आगै रै ॥4॥

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...