शिव नंदे
के असवार
, करेंगे भव
से बेड़ा
पार......
रटो पार्वती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार |
शिव नंदे के असवार -२, करेंगे भव से बेड़ा पार || टेर ||
कैलाश के राजा आप महाराजा, शोभा बरणी न जाई |
गौरा संग में बाए अंग में, शेषनाग लिपटाए |
जटा जूट में गंगा की धार, करेंगे भव से बेड़ा पार || १ ||
भष्मासुर को दे दिया हरी ने, भष्म कड़ा अतिभारी |
वो दीवाना सोचे दाना, हर ल्यु शिव कि नारी |
लिया मन में कपट विचार, करेंगे भव से बेड़ा पार || २ ||
शम्भू भाग्या डर जब लाग्या, तीन लोक घबराये |
देवो ने जब माया पलटी, विष्णु प्रकट हो आये |
लिया रूप मोहिनी धार, करेंगे भव से बेड़ा पार || ३ ||
सीताराम राधेश्याम , रटता माला तेरी |
आया शरण में पड्या चरण में, लाज राखियो म्हारी |
शिव निराधार आधार, करेंगे भव से बेड़ा पार || ४ |
रटो पार्वती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार |
शिव नंदे के असवार -२, करेंगे भव से बेड़ा पार || टेर ||
कैलाश के राजा आप महाराजा, शोभा बरणी न जाई |
गौरा संग में बाए अंग में, शेषनाग लिपटाए |
जटा जूट में गंगा की धार, करेंगे भव से बेड़ा पार || १ ||
भष्मासुर को दे दिया हरी ने, भष्म कड़ा अतिभारी |
वो दीवाना सोचे दाना, हर ल्यु शिव कि नारी |
लिया मन में कपट विचार, करेंगे भव से बेड़ा पार || २ ||
शम्भू भाग्या डर जब लाग्या, तीन लोक घबराये |
देवो ने जब माया पलटी, विष्णु प्रकट हो आये |
लिया रूप मोहिनी धार, करेंगे भव से बेड़ा पार || ३ ||
सीताराम राधेश्याम , रटता माला तेरी |
आया शरण में पड्या चरण में, लाज राखियो म्हारी |
शिव निराधार आधार, करेंगे भव से बेड़ा पार || ४ |
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