मतवाला गुरु मतवाला, ये सत अमरापुर वाला |
पहली देव गणेश मनावा, सिमरु माई ज्वाला ने |
वाणी बोल अणभै का उपज्या, ह्रदय में हो रिया उजियारा || १ ||
इन्द्र घटा ले म्हारा सतगुरु आया, बरसत आया गुरु घनघोरा |
झीणी झीणी बूंदा गरुआ झड़ी लगादी, भेय दिया तनमन सारा || २ ||
ज्ञान बादळी गुरांजी के घट में, बरस रही चहूँ दिश धारा |
वचन वचन में इन्द्र ज्यू गरजै, आठ पहर और दिन सारा || ३ ||
गुरांजी की महिमा अमी की सी बूंदा, बोल गंगा का है धारा |
सुणनिये का पाप कटे बहुतेरा, काया कंचन तन सारा || ४ ||
सोहनपुरी सुथान का बासा, श्वेत वर्ण रंग है बांका |
शिखर किले पर ध्वजा फरूकै, वहा रम रया गुरु म्हारा || ५ ||
अमृतनाथजी मिल्या गुरु पूरा, खोल्या भरम का बे ताला |
मधो महिमा गुरांजी की गावै, गाँव गाँव घुमाने वाला || ६ ||
मतवाला गुरु मतवाला, ये सत अमरापुर वाला |
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