हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय। वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ईण र् गांव री उलटी रीत।-(2)
नीच छान ऊपर न भींत ।-(2)
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।-(4)
पोवण वाळी न रोटी खाय।-(2)
छोर की गोद्-यां म छोर की माय,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।-(4)
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।-(2)
पेड़ कट ओर फल लग जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(3)
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(2)
ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(4)
दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)
परखण वाळा तुरन्त मार जाए,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।-(2)
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(2)
दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(6)