शनिवार, 15 दिसंबर 2018

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय full Ek Acchambho Dekhyo Mero May Lyrics

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय। वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो  मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ईण र् गांव री उलटी रीत।-(2)

नीच छान ऊपर न भींत ।-(2)

चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।-(4)

पोवण वाळी न रोटी खाय।-(2)

छोर की गोद्-यां म छोर की माय,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।-(4)

बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।-(2)

पेड़ कट ओर फल लग जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(2)

ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(4)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।-(2)

कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(2)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(6)

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय Ek achhambho dekhyo meri may Lyrics

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो  मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।~
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ईण र् गांव री उलटी रीत।
ईण र् गांव री उलटी रीत।~
नीच छान ऊपर न भींत ।
नीच छान ऊपर न भींत ।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।
बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

प्रेम से हरि नाम रटना चहिये prem se hari nam ratna cahiye Lyrics


प्रेम से हरि नाम रटना चहिये

कर्म से पीछे ना हटना चाहिये, प्रेम से हरि नाम रटना चहिये (कर्म...... )
सुख - दुःख,दिन - रात से आते सदा , ये समझ इनसे निपटना चाहिये  (कर्म..)
भोग में भ्रम है, सुखो का सुख कहा , भूलकर भी ना लिपटना चाहिये (कर्म ....)

मृत्यु कर देती है, जब सबसे अलग , व्यर्थ क्यूँ इससे चिमटना चाहिये ( कर्म ...)

मार्गदर्शन वेद - बुद्ध सब कर रहें , शम्भू फ़िर क्यूँ, दर भटकना चाहिये ( कर्म ....)

म्हारै राम राम राम, सतगुरु सायब आया जी Mhara Ram Ram Ram Satguru Sahayab Aaya Ji Lyrics


म्हारै राम राम राम, सतगुरु सायब आया जी

भला ही आया जी, सतगुरु खूब आया जी |
म्हारै राम राम राम, सतगुरु सायब आया जी ||

दूर देश से चलकर आया, सिर माथे पग म्हारे ल्याया |
आवो जी महाराज म्हारे, साधा रो उमाओ ||

उच्या थल्ला माथे कोई बेसणा जी, कोई जाजम देवा बिछाय |
थारा चरण धोय चरणामृत लेवा, म्हारे फेर कद आवोगा ||

भाव का भोजनिया गुराजी, थाने तनमन वारा जी |
आज रेन विश्राम करो म्हारे , फेर कद आवोगा ||

नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, म्हाने त्यारण आया जी |
भानीनाथ शरण सतगुरु की, बधावा गाया जी ||

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी Hindo To Ghala Dyo Satguru Mhara Saheb Ji Lyrics




मे जी।
हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी।
सतगुरु म्हारा, हिण्डे-हिण्डे सुरता नार ॥टेर॥
काया तो नगरिये मे सतगुरु म्हारा आमली जी।
सतगुरु म्हारा छायी छायी च्यारुँ मेर ॥1॥
अगर-चंदन को सतगुरु म्हारा पालणो जी।
सतगुरु म्हारा रेशम डोर घलाय ॥2॥
पाँच सखी मिल पाणीड़े न निसरी जी।
सतगुरु मेरा पाँचू ही एक उणियार ॥3॥
नाथ गुलाब से सतगुरु म्हारा विनती जी।
सतगुरु मेरा गावै-गावै भानीनाथ ॥4॥
बोल नाथ जी महाराज की जय

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...