गौरी के सुवन सुजान, प्रथम थारो यश गांवा जी |
म्हारा काटो कष्ट कलेश, गणेश हमेश मनावा जी || टेर ||
एक दन्त सर चन्द्रमा जी, विघ्न हरण गणराज |
गले जनेऊ शेष है जी, सुर सेना सिरताज ||
थारे चरणा शीश नंवावा जी, हमेश मनावा जी || १ ||
दुन्दाला दुःख भंजना जी, सुन्द्याला सुख मूल |
दोष दूर सिन्दूर करे, विघ्न विडारे शूल |
ध्यान चित्त माय लगावा जी, हमेश मनावा जी || २ ||
मोदक मुद मंगल करे जी, पाश विनाशे पाप |
अभय दान सबनै देवो जी, चढ़ मूषक पर आप |
सुमीर थाने सुख पावा जी, हमेश मनावा जी || ३ ||
जाचक उब्या बारने जी, अरज करे दातार |
दाता टूट्यो सावठा जी, रिद्ध सिद्ध भरो भण्डार |
शंभू थारी कीर्ति गांवा जी, हमेश मनावा जी || ४ ||
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