शनिवार, 2 मई 2020

आ गिरधारी रे साांवरा आ बनवारी रे, Aa Girdhari Re Ranvra Bhajan Lyrics

आ गिरधारी रे साांवरा आ बनवारी रे
नरहसलो खड्यो उडीक अब तो आ  गिरधारी रे

आ समय भात की आयी पर तू ना सूरत लदखाइ
ऄब तो होव लोग हंसाइ ऄब तो अ गिरधारी रे

म तेरे भरोसे अयो सागे भी कछु न ल्यायो
में आकर के सरमायो ऄब तो आ गिरधारी रे

के तन नींद सतायो क सतभामा बिल्मयो
क भगत कोइ ऄटकायो ऄब तो अ गिरधारी रे

थे भात भरण ना अस्यो आ नानी तो मरज्यासी
या थारो लबड्द लजासी ऄब तो आ  गिरधारी रे

वसु देवकीनंदन अया कंचन का मेह बरसाया
"देवसेना थारो " जस गायो अब तो आ गिरधारी 

आओ वीर हनुमान देवता सारे भजन लिरिक्स, म्हारे रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे, aapo vir hanuman

आओ वीर हनुमान देवता सारे
म्हारे  रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे ।
रणत भाँवर से अवो गजानंद देवा
थारे रीद्ध लसद्ध घर नार करे थारी सेवा ।।
लसंह चढी लहंगलाज जगे मेया ज्योलत ,
थारे गल पुष्पन का हार, हंस चुगे मोती ।।
हो बेल न ऄसवार शंकर देवा
थारे भूत जोगनी नार थारी करे सेवा ।।
हो भैसे ऄसवार शलन महाराजा ,
तेरे भि करे ऄरदास सार देवो काजा ।।
गावे नरलसंह दास लसंघाने वाला ,
थारे हरदम करता ध्यान करो प्रलतपाला ।।

बिणजारी ए हाँस हाँस बोल, प्यारी प्यारी बोल, Binjari A Hans Hans Bol Bhajan Lyrics

बिणजारी ए हाँस हाँस बोल, प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी,
बिणजारो मत जाण बाताां रह ज्यासी
कंठी माला काठ की रे माही रेशमी सूत
सूत लबचारा के कर जद कातण वाला कपूत
रामा तेरे बाग़ में रे लाम्बी भदी खजूर
चढूं तो मेवा चाख ल्यूं पडते ही चकनाचूर
बालपणे में भज्यो नहीं रे करयो न हरी से हेत
ऄब पछताया के होव जद चिड़िया चुग़ गयी खेत
टान्डो थारो लद गयो रे होगी लाद प लाद
रामानंद का भणे कबीरा बैठी मोजा मार
बाता रह ज्यासी....

रटो पाववती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार, Rato Parvati K bhartar, Shiv Bhajan Lyrics

रटो पाववती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार |
हशव नांदे के ऄसवार करेंगे भव से बेड़ा पार ||
1.कैलाश के राजा अप महाराजा, शोभा बरनी न जाइ |
गौरा संग में बाए ऄंग में, शेषनाग ललपटाए |
जाटा जूट में गंग की धार, करेंगे भव से बेडा पार || १ ||
2.भष्मासुर सुर को दे लदया हरी ने, भष्म कडा ऄलतभारी |
वो दीवाना सोचे दाना, हर ल्यु लशव लक नारी |
ललया मन में कपट लवचार , करेंगे भव से बेडा पार || २ ||
3.शम्भू भाग्या डर जब लाग्या, तीन लोक घबराये |
देवो ने जब माया पलटी, लवष्णु प्रकट हो अये |
ललया रूप मोलहनी धार, करेंगे भव से बेडा पार || ३ ||
4.सीताराम राधेश्याम , रटता माला तेरी |
अया शरण में पड्या चरण में, लाज रालखयो म्हारी |
लशव लनराधार अधार, करेंगे भव से बेडा पार || ४ ||


मैं तेरै रांग राची रे सााँवरा, मैं तेरै रांग राची, Mere Tere Rang Rachi Re Bhajan Lyrics

मैं तेरै रांग राची रे सााँवरा, मैं तेरै रांग राची॥टेर॥
सवा रंग चोला पहन सखी मैं, झुरमुट खेलण जाती।
झुरमुट खेलती नै लमल गयो सांवरो, मैं घाल लमली गत बाथी॥1॥
ओर सखी मद पी पी माती, मैं मद लपया लबन माती।
मैं मद लपयो एक प्रेम भटी को, मस्त रही लदन राती॥2॥
और रा लपव परदेश बसत है, ललख ललख भेजै पाती।
मेरा लपया मेरे घट मे बसत है, बात करुं लदन राती॥3॥
सुरत लनरत को लदवलो संजोयो, मनसा री कर लइबाती।
प्रेम घाणी को तेल संजायो, जग्यो लदन राती॥4॥
जाईंना लपवरीये रह ाँ ना सासररयै, सतगुरु शब्द सुनाती।
मीरा के प्रभु लगरधर नागर, हररचरण माँ लचत लाती॥5॥


Ter - पंख होती तो उड़ जाती रे .....

मनमोहन प्यारे आज्यो मेड़तणी रे देश, Meera Bhajan Lyrics, Manmohan Pyare Aajyao

मनमोहन प्यारे आज्यो मेड़तणी रे देश
सावन अवण कह गयो रे कर गयो कोल ऄनेक
लगनता लगनता घस गइ,म्हारे अंगललया री रेख
सााँवरे नै ढुाँढण में गइ रे कर जोगण का भेष
ढूाँढत ढूाँढत जुग भया रे,मेरा धोळा होगया केश
कागज ना स्याही नही रे ना कोइ कलम दवात
पंछी को परवेश नही लकस लवलध ललखूं सन्देश
मौर मुकुट कटी काछणी रे घूंघर वाला केश
मीरां न लगरधर लमल्यो रे धर नटवर को भेष
बोल मीरां के श्याम की जय

तेरा भगत करे अरदास, ज्ञान मोहे दीज्यो हे काली, Tera Bhagat Kre Ardash bhajan Lyrics

तेरा भगत करे अरदास, ज्ञान मोहे दीज्यो हे काली ॥टेर॥
माली कै नै बाग लगायो, पवपत हररयाली,
तेरे हाथ ने पुष्पन की माला, द्वार खड्या माली ॥1॥
जरी का दुपट्टा चीर शीश पर सोहे जंगाली,
तेरै नाकन में नकबेसर सोहे कणप फूल बाली ॥2॥
सवा पहर के बीच भवन में खप्पर भर खाली,
कर दुष्टन का नास भगत की करना रखवाली ॥3॥
चाबत नगर पान होठ पर छाय रही लाली,
तनै गावे मोतीलाल कालका कलकत्ते वाली

धमक पधारो गणपत, Dhamak Padharo Ganpat Mhar Bhajan Lyrics

धमक पधारो गणपत- ओ हनज महन्दर रये में धमक पधारो जी ॥ टेर ॥
ब्र􀄺ा भी अये म्हारे, लवष्णु भी अये जी ।
साँगडे में ल्याया सरस्वती ॥ 1 ॥
लशवजी भी अये संग नााँदे न ल्याये जी ।
संगडे में ल्याये पारवती ॥ 2 ॥
राम भी अये म्हारे ललछमन भी अए जी ।
संगडे में ल्याये लसया सती ॥ 3 ॥
कौरव भी अए म्हारे पाण्डव भी अए जी ।
संगडे में ल्याये द्रोपदी ॥ 4 ॥
कहत कबीर सुनो भाइ साधो जी ।
ररलद्ध-लसलद्ध ल्याये गणपलत ॥ 5 ॥

श्री गणेश काटो कलेश, Shree Ganesh Kato Kalesh Bhajan Lyrics

श्री गणेश काटो कलेश, नित्य हमेशा, ध्यावााँ थाने ाऄरजी करााँ दरबार में
ऄरजी दरबार में, करता सरकार में, श्री गणेश, काटो कलेश ॥ टेर ॥
दूाँद दुाँदाला, सूाँड सुन्डाला-मोटा मूाँड, लम्बी सूंड ।
फरकै दूंद, ध्यावााँ थानै ऄरजी करां दरबार में ॥ 2 ॥
पुष्पन माला, नयन लवशाला-चढै लसन्दूर, बरसे नूर ।
दुश्मन दूर, ध्यावााँ थाने ऄरजी करां दरबार में ॥ 3 ॥
ररद्ध लसद्ध नारी, लागै लपयारी, ररद्ध लसद्ध नार, भरो भण्डार ।
करो कल्याण, ध्यावााँ थाने ऄरजी करां दरबार में ॥ 4 ॥
दास मोती लसंह, तेरा यश गावै, गुरु चरणा में शीश नवावै ।
दो वरदान, मागूं दान, सेवा ऄपार, ध्यावां थाने ऄरजी ॥ 5 ॥

सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो, Seva Mhari Mano Ganpat Bhajan Lyrics

सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हहवडे रा ताला जी ॥ टेर ॥
जल भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
कोइ जलवा ने मछल्या लबगाड्या जी ॥ 1 ॥
चन्दन चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
चन्दन ने सपप लबगाड्या जी ॥ 2 ॥
फूल चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
फूलडा ने भाँवरा लबगाड्या जी ॥ 3 ॥
दूधडला चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
दूधडला ने बाछडा लबगाड्या जी ॥ 4 ॥
काया भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
काया न करमा लबगाड्या जी ॥ 5 ॥
पााँच चरण जलत गोरक्ष बोल्या ।
सााँइ तेरा नाम ऄछूता जी ॥ 6 ॥

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...