भजन मत
भूलो एक
घड़ी
भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||
ईण काया में लाल अमोलक, आगे करम कड़ी |
भंवर जाळ में सब जीव सूत्या, बिरला ने ज्याण पड़ी || १ ||
ईण काया में दस दरवाजा, ऊपर खिड़क जड़ी |
गुरु गम कुंची से खोलो किवाड़ी, अधर धार है जड़ी || २ ||
सत की राड़ लडे नरसूरा, चढ्या बंक घाटी |
गगन मंडल में भरया भंडारा, तन का पाप कटी || ३ ||
अखै नाम ने तोलण लाग्या, तोल्या घड़ी रे घड़ी |
अमृतनाथजी अमर घर पुग्या, सत की राड़ लड़ी || ४ ||
भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||
भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||
ईण काया में लाल अमोलक, आगे करम कड़ी |
भंवर जाळ में सब जीव सूत्या, बिरला ने ज्याण पड़ी || १ ||
ईण काया में दस दरवाजा, ऊपर खिड़क जड़ी |
गुरु गम कुंची से खोलो किवाड़ी, अधर धार है जड़ी || २ ||
सत की राड़ लडे नरसूरा, चढ्या बंक घाटी |
गगन मंडल में भरया भंडारा, तन का पाप कटी || ३ ||
अखै नाम ने तोलण लाग्या, तोल्या घड़ी रे घड़ी |
अमृतनाथजी अमर घर पुग्या, सत की राड़ लड़ी || ४ ||
भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||
Sundar
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