बुधवार, 15 अप्रैल 2020

भजन मत भूलो एक घड़ी || bhajan mat bhulo ek ghadi lyrics rati nath ji


भजन मत भूलो एक घड़ी

भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||

ईण काया में लाल अमोलक, आगे करम कड़ी |
भंवर जाळ में सब जीव सूत्या, बिरला ने ज्याण पड़ी || ||

ईण काया में दस दरवाजा, ऊपर खिड़क जड़ी |
गुरु गम कुंची से खोलो किवाड़ी, अधर धार है जड़ी || ||

सत की राड़ लडे नरसूरा, चढ्या बंक घाटी |
गगन मंडल में भरया भंडारा, तन का पाप कटी || ||

अखै नाम ने तोलण लाग्या, तोल्या घड़ी रे घड़ी |
अमृतनाथजी अमर घर पुग्या, सत की राड़ लड़ी || ||

भजन मत भूलो एक घड़ी, शबद मत भूलो एक घड़ी |
तेरो काया पूतलो पल में ज्यासी, सर पर मोत खडी ||

1 टिप्पणी:

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...