शनिवार, 6 मार्च 2021

पाई लागू जी महाराज जी महाराज बिड़द बंका ।। Pai Lagu Ji Maharaj Lyrics ||


पाई लागू जी महाराज जी महाराज बिड़द बंका
था पर वारी जी महाराज बिड़द बका 
बिड़द बंका ओ तोड़ी गढ़ लंका)-2
था पर वारी जी महाराज सोने की लंका

कुण थारी माता कुण पिता है
कुण थारो नाम धर्यो रे हनुमंता-हरि हरि
कुण थारो नाम धर्यो रे हनुमंता
पाई लागू........

अंजनी म्हारी माता पवन पिता है
ब्रह्मा म्हारो नाम धर्यो जी हनुमंता 
हरि हरि ब्रह्मा म्हारो नाम धर्यो रे हनुमंता
पाई लागू जी महाराज ........

उण्या जी के सत स सागर उत्तरयो
कुण को हुकुम जड़ तोड़ी लंका हरि हरि
कुण को हुकुम जद तोड़ी लंका
पाई लागू जी महाराज......

सिया जी के सत से सागर उत्तरयो
राम हुकुम तोड़ी गढ़ लंका हरि हरि 
राम हुकुम तोड़ी गढ़ लंका
पाई लागू जी महाराज...

रावण मार अहिरावण मारयो 
कुम्भकरण पर बाज डंका हरि हरि
कुम्भकरण पर बाज डंका
पाई लागू जी महाराज

तुलसीदास आस रघुवर की 
असुरां मार मिटाई संका
हरि हरि
असुरां मार मिटाई संका
पाई लागू जी महाराज

बुधवार, 3 मार्च 2021

राजा बलि के दरबार सजी मची र होली || Raja Bali Ke Darbar Saji machi Re Holi Lyrics || Raja Bali || holi Dhamal || Loc Geet ||

                          ओ राजा बल के दरबार मची रे होली राजा बलि के  


१.            के मण लाल गुलाल उड़त है 

                के मण केसर कस्तूरी रे राजा ....

२.            सो मण लाल गुलाल उड़त है 

               दस मण केसर कस्तूरी रे राजा......

३.            कितारे बरस को ओ कंवर कानुड़ो रे 

               कितरा बरस की है राधा गोरी   रे   राजा .... 

४            बीस बरस को म्हारो कंवर कानुड़ो रे 

              तेरह बरस की है राधा गोरी रे   राजा ......

५             कुणा जी के हाथ में है को कटोरों रे 

                कुणा जी रे हाथ में पिचकारी रे राजा ....

६             राधा जी रे हाथ में रंग को कटोरों रे 

               कानुड़ रे हाथ में पिचकारी रे राजा ....

७            भर पिचकारी कानू राधा उपर मारी रे 

             है रंग से भिगोड़ो आंगणयो रे ... राजा ...

Gordi || Gordi Kr Solha singar lyrics || गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली ||

 

              गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली पाणी ने पणिहार

              पाणी ने पणिहार गोरड़ी पाणी ने पणिहार

              गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली पाणी ने पणिहार


 १. खली बेद घड़ी ये माता रूपा दे उणीयार 

     नेण नखत का तीखा जाण बिजली के पल्कारे 

     ले चंदा स्यू रूप उधार चाली पाणी न ....

२.   टूम्या वाली लाल कांचली गोरी क तन ओपी 

     घाघरा पर सुवा कसुमल चुनढ लाग चोखी 

      बाय पल्ल ने फटकर चोली ...

३. चुडलो बाजू बंद बोरलो, कान सुरलिया साज

  कडिया पाती पग नेवरिया, पगा बिछुड़ीया बाज 

  गल में पैर पैर नोलखो हार चाली ......

४. घड़लो भरता मुख देखण जद पुन दियो फटकार 

  पाणी चुस्यो सुरजी अखरयो बिजली रो पलकारो 

चेत चुक हुआ मोट्यार चाली ....








गोरडी कर सौलाह श्रीणगार

चाली पाणी ने पणिहार

पाणी खेच खड़ी बेमाथा रूपाली उनियारे{x2}
मेलण लगी धरती का धाने बिजली रे पणकारे{x2}
ले चन्दा से रूप उधार{x2}
चाली पाणी ने…

घड़ल्यो भरता ने देखण ज़द तू रे दिया फटकार{x2}
पाणी ढूलग्यो सूरज आकर घड़िया बिजली फणकार{x2}
गले में पहन नौ लक्खा हार{x2}
चाली पाणी ने…

बूँदिया वाली लाल काँचली गोरी के तंग होसी{x2}
घाघलीया पर सूवा कसुमल चूंदड लागे चोखी{x2}
आई पल्लो ने फटकार{x2}
चाली पाणी ने…

माथे उपर लाल बिंदी सूरज री चमकर{x2}
होंठो से तो रस यूँ बरसे गागर ज्यूँ चलकर{x2}
की बाजी झांझर री झंकार{x2}
चाली पाणी ने…

Sharad Purnima Ki Raat Chandni Rang Barsasi Ji Lyrics || शरद पूर्णिमा की रात चांदनी

           ओ दे गयो कागद पोस्टमेन, म्हारा पिव घर आसी जी,

    आ शरद पूनम की रत चांदनी,  रंग बरसा सी जी,

                                              ओ दे गयो कागद......

          १.  पतला पतला फलका पोस्यू, उजली रानू खीर-२,

              आँगन बीएड जिमास्यू, म्हारी नणदल बाई रा बीर-२ 

              म्हार मनडरा हाल सुणास्यू-२

              जद म्हान गल लगासी जी  आ सरद.......


          २. काजल टिकी लगा के करस्यू, में सोल्हसिंगर -२

             घणी उडिकी जद यो आयो, मिलण रो त्यौहार-२ 

             म्हारा मेन्दी राच्या हाथ-२

             सजन घणा सुहासी जी, आ सरद........


         ३. सावण बिल्यो फागण जाव, बित्या तीज त्यौहार-२

             बाट जोवला आंख्या थकगी, कद आसी भरतार - २

            ओ रंगा को त्यौहार-२ 

           बलम म्हार रंग रंग ज्यासी जी आ शरद ......


 

मंगलवार, 2 मार्च 2021

CHAKKAR RAKH LE SANWARIAY || चाकर राख ले सांवरिया थारो || होली धमाल || राजस्थानी फाल्गुन गीत

                              चाकर राख ले सांवरिया थारो, भोत बड़ो दरबार...

                              भोत बड़ो दरबार थारो, भोत बड़ो दरबार चाकर राख ले.........

१.    पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण दशो दिशा में राज थारो,

       राजा और महाराजा भी, थार आगे लाचार चाकर ....

२.    तीन लोक चोहदह भुवनो में, फेल्यो कारोबार तेरो,

       युगा युगा स्यु सरपट दोड़, श्याम तेरी सरकार चाकर ....

३     सीधो साधो बन्दों में ले, नेम धर्म को पम्को रे,

       ऐसे चाकर की तो होसी , श्याम तने दरबार चाकर ....

४      जो सोपंगो काम सांवरा, चाव लगाकर करस्यूर ,

        अर्जी  है सांवरिया म्हान, मोको दे एक बार चाकर .....

५.     जो देवेगो  पुणो पावलो रक्सी से लेस्यू रे,

        भक्त थारे राज में राजी, सेवकीयो तैयार  चाकर ......



नंदू जी द्वारा रचित 

BHAJAN

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