बुधवार, 15 अप्रैल 2020

द्यो वरदान मुझे भक्ति का, Dyo Vardan Mujhe Bhakti Ka Lyrics


द्यो वरदान मुझे भक्ति का, जागो शंकर बम लहरी |
अन्न धन का भण्डार खोल दे , सेवा करा मालिक थारी ||
अंग वभुती ललाट चन्द्रमा, मुंडीयन कि माला पहरी |
बासुकी नाग गले बिच टूले, शीश जटा गंगा बह री || ||
गांजा सुल्फा आक धतुरा, नशा करे शंकर जहरी |
अमल तम्बाकू भांग छूतरा, प्याय रही गौरा प्यारी || ||
भक्ति से वरदान ले लियो, तपस्या जाय करी गहरी |
भष्मी कड़ो दियो दानव ने, शिव के गेल हुयो बेरी || ||
आगे शंकर लेरा दानो, देणे लग्या खंड के फेरी |
गिरिजा रूप धरयो विष्णु ने , दाने कि करदी ढेरी || ||
दस शीष रावण ने बक्श्या, बीस भूजा हस्ती गहरी |
विजयी का वरदान पायके, राम तणी सीता ने हरी || ||
काशी चेला शिवशंकर का, पार करो उनकी बेरी |
पलक उघाड़ो अन्तर्यामी , सुवरण का पासा गेरी ||||
झिलळ झिलळ वालो कुम्भलावे, आवण कि मत कर देरी |
रामजीलाल बिडद बखाने, सुन भोला करुणा मेरी || ||

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BHAJAN

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