देवसेना युवाओं का संगठन है,जो श्री बालाजी मंदिर,गुर्जरो की ढाणी, रतनगढ़(राजस्थान) के विकास और पुनरुद्धार के लिए समर्पित है। सदस्यो द्वारा हर शनिवार को बालाजी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। देवसेना संगठन के इस यू ट्यूब चैनल पर शनिवार की हर भजन संध्या के वीडियो,देवसेना द्वारा आयोजित संगीतमय सुन्दरकाण्ड और नाथ समुदाय सभी साधू संतो के भजन पोस्ट किए जाएंगे | For Subscribe https://www.youtube.com/c/devsena
रविवार, 12 जुलाई 2020
श्री गणेश काटो क्लेश, नित्य हमेशा ध्यावाँ थाँने अरजी करां दरबार में मनवा थाने....
गुरुवार, 28 मई 2020
आधी रात सिखर तैं ढलगी हुया पहर का तड़का
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।
जब लड़के का जन्म हुया ये तीन लोक थर्राए।
ब्रह्मा विष्णु शिवजी तीनू दर्शन करने आये।
सप्त ऋषि भी आसन ठा कै हवन करण नै आये।
साध सती और मन मोहनी नै आके मंगल गाये।
जब नाम सूना था उस लड़के का हुया काल मुनि कै धड़का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।
साठ समन्दर उस लड़के नै दो टैम नहवाया करते।
अगन देवता बण्या रसोई, भोग लगाया करते।
इंद्र देवता लोटा ले कै चल्लू कराया करते।
पवन देवता पवन चला लड़के ने सूवाया करते।
जब लड़के नै भूख लगी वो पेड़ निगल गया बड़ का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।
कामदेव पहरे पै रहता चारों युग के साथी।
अस्ट वसु और ग्यारा रूद्र ये लड़के के नाती।
बावन कल्वे छप्पन भैरो गावें गीत परभाती।
उस के दरवाजे के ऊपर बेमाता साज बजाती।
गाना गावे साज बजावे करै प्रेम का छिड़का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।
सब लड़कों मै उस लड़के का आदर मान निराला।
गंगा यमुना अडसठ तीरथ रटे प्रेम की माला।
चाँद सूरज और तारे तक भी दे रहे थे उज्याला।
वेद धरम की बात सुणावै लखमीचंद जांटी आळा।
उस नै कवी मै मानूं जो भेद खोल दे जड़ का।
बिना जीव की कामनी कै हुया अचानक लड़का।
सोमवार, 25 मई 2020
गुरु बिन घोर अंधेरा
गुरु बिन घोर अंधेरा
जब तक कन्या रहे काँवारी ना लप्रयतम का बेरा
अठुं पहर रहे अलस म खेल्ह खेल घणेरा
चकमक म ऄग्नी बसत है ना चकमक न बेरा
गुरु घम चोट लगे चकमक के अग लफरे चोफेरा
लमरगे के नाभ बसे लकस्तुरी ना लमरगे न बेरा
व्याकुल होकर लफरे भटकतो सूंघे घास घनेरा
नाथ गुलाब लमल्या गुरु पुरा जाग्या भाग भलेरा
भानीनाथ शरण सतगुरु की गुरु चरणा लचत्त मेरा
बोल भालननाथ जी महाराज की जय
रविवार, 3 मई 2020
आव सखी देख गणपत घूम है, aav sakhi dekh ganpat dhoom hai bhajan lyrics
लम्बी सूाँड मतवाला जी घृत, लसन्दुर थार मस्तक सोहे देवा,
लशव-शलि का बाला हो गणपत, देख भया मतवाला जी ॥1॥
राजा भी सुमर थान, परजा भी सुमर है सुमर है जोगी जटावाला जी ।
ईठ साँवरी दोपहरी तान सुमर देवा, ररलद्ध लसलद्ध देवणवाला ओ गणपत ॥2॥
ओढ पीत पीतम्बर सोहे देवा, गल फूलंडा री फूल मालाजी ।
सात सखी रल मंगल गाव देवा, बुलद्ध को देवण हाला जो गणपत ॥3॥
नात गुलाब लमल्या, गुरु पूरा , रृदय में कररयो ईजाला जी ।
भानीनाथ शरण सतगुरु की देवा,खोल्या भ्रम का तIलI ओ गणपत ॥4॥
शनिवार, 2 मई 2020
आ गिरधारी रे साांवरा आ बनवारी रे, Aa Girdhari Re Ranvra Bhajan Lyrics
नरहसलो खड्यो उडीक अब तो आ गिरधारी रे
आ समय भात की आयी पर तू ना सूरत लदखाइ
ऄब तो होव लोग हंसाइ ऄब तो अ गिरधारी रे
म तेरे भरोसे अयो सागे भी कछु न ल्यायो
में आकर के सरमायो ऄब तो आ गिरधारी रे
के तन नींद सतायो क सतभामा बिल्मयो
क भगत कोइ ऄटकायो ऄब तो अ गिरधारी रे
थे भात भरण ना अस्यो आ नानी तो मरज्यासी
या थारो लबड्द लजासी ऄब तो आ गिरधारी रे
वसु देवकीनंदन अया कंचन का मेह बरसाया
"देवसेना थारो " जस गायो अब तो आ गिरधारी
आओ वीर हनुमान देवता सारे भजन लिरिक्स, म्हारे रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे, aapo vir hanuman
म्हारे रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे ।
रणत भाँवर से अवो गजानंद देवा
थारे रीद्ध लसद्ध घर नार करे थारी सेवा ।।
लसंह चढी लहंगलाज जगे मेया ज्योलत ,
थारे गल पुष्पन का हार, हंस चुगे मोती ।।
हो बेल न ऄसवार शंकर देवा
थारे भूत जोगनी नार थारी करे सेवा ।।
हो भैसे ऄसवार शलन महाराजा ,
तेरे भि करे ऄरदास सार देवो काजा ।।
गावे नरलसंह दास लसंघाने वाला ,
थारे हरदम करता ध्यान करो प्रलतपाला ।।
बिणजारी ए हाँस हाँस बोल, प्यारी प्यारी बोल, Binjari A Hans Hans Bol Bhajan Lyrics
बाता थारी रह ज्यासी,
बिणजारो मत जाण बाताां रह ज्यासी
कंठी माला काठ की रे माही रेशमी सूत
सूत लबचारा के कर जद कातण वाला कपूत
रामा तेरे बाग़ में रे लाम्बी भदी खजूर
चढूं तो मेवा चाख ल्यूं पडते ही चकनाचूर
बालपणे में भज्यो नहीं रे करयो न हरी से हेत
ऄब पछताया के होव जद चिड़िया चुग़ गयी खेत
टान्डो थारो लद गयो रे होगी लाद प लाद
रामानंद का भणे कबीरा बैठी मोजा मार
बाता रह ज्यासी....
रटो पाववती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार, Rato Parvati K bhartar, Shiv Bhajan Lyrics
हशव नांदे के ऄसवार करेंगे भव से बेड़ा पार ||
1.कैलाश के राजा अप महाराजा, शोभा बरनी न जाइ |
गौरा संग में बाए ऄंग में, शेषनाग ललपटाए |
जाटा जूट में गंग की धार, करेंगे भव से बेडा पार || १ ||
2.भष्मासुर सुर को दे लदया हरी ने, भष्म कडा ऄलतभारी |
वो दीवाना सोचे दाना, हर ल्यु लशव लक नारी |
ललया मन में कपट लवचार , करेंगे भव से बेडा पार || २ ||
3.शम्भू भाग्या डर जब लाग्या, तीन लोक घबराये |
देवो ने जब माया पलटी, लवष्णु प्रकट हो अये |
ललया रूप मोलहनी धार, करेंगे भव से बेडा पार || ३ ||
4.सीताराम राधेश्याम , रटता माला तेरी |
अया शरण में पड्या चरण में, लाज रालखयो म्हारी |
लशव लनराधार अधार, करेंगे भव से बेडा पार || ४ ||
मैं तेरै रांग राची रे सााँवरा, मैं तेरै रांग राची, Mere Tere Rang Rachi Re Bhajan Lyrics
सवा रंग चोला पहन सखी मैं, झुरमुट खेलण जाती।
झुरमुट खेलती नै लमल गयो सांवरो, मैं घाल लमली गत बाथी॥1॥
ओर सखी मद पी पी माती, मैं मद लपया लबन माती।
मैं मद लपयो एक प्रेम भटी को, मस्त रही लदन राती॥2॥
और रा लपव परदेश बसत है, ललख ललख भेजै पाती।
मेरा लपया मेरे घट मे बसत है, बात करुं लदन राती॥3॥
सुरत लनरत को लदवलो संजोयो, मनसा री कर लइबाती।
प्रेम घाणी को तेल संजायो, जग्यो लदन राती॥4॥
जाईंना लपवरीये रह ाँ ना सासररयै, सतगुरु शब्द सुनाती।
मीरा के प्रभु लगरधर नागर, हररचरण माँ लचत लाती॥5॥
Ter - पंख होती तो उड़ जाती रे .....
मनमोहन प्यारे आज्यो मेड़तणी रे देश, Meera Bhajan Lyrics, Manmohan Pyare Aajyao
सावन अवण कह गयो रे कर गयो कोल ऄनेक
लगनता लगनता घस गइ,म्हारे अंगललया री रेख
सााँवरे नै ढुाँढण में गइ रे कर जोगण का भेष
ढूाँढत ढूाँढत जुग भया रे,मेरा धोळा होगया केश
कागज ना स्याही नही रे ना कोइ कलम दवात
पंछी को परवेश नही लकस लवलध ललखूं सन्देश
मौर मुकुट कटी काछणी रे घूंघर वाला केश
मीरां न लगरधर लमल्यो रे धर नटवर को भेष
बोल मीरां के श्याम की जय
तेरा भगत करे अरदास, ज्ञान मोहे दीज्यो हे काली, Tera Bhagat Kre Ardash bhajan Lyrics
माली कै नै बाग लगायो, पवपत हररयाली,
तेरे हाथ ने पुष्पन की माला, द्वार खड्या माली ॥1॥
जरी का दुपट्टा चीर शीश पर सोहे जंगाली,
तेरै नाकन में नकबेसर सोहे कणप फूल बाली ॥2॥
सवा पहर के बीच भवन में खप्पर भर खाली,
कर दुष्टन का नास भगत की करना रखवाली ॥3॥
चाबत नगर पान होठ पर छाय रही लाली,
तनै गावे मोतीलाल कालका कलकत्ते वाली
धमक पधारो गणपत, Dhamak Padharo Ganpat Mhar Bhajan Lyrics
ब्रा भी अये म्हारे, लवष्णु भी अये जी ।
साँगडे में ल्याया सरस्वती ॥ 1 ॥
लशवजी भी अये संग नााँदे न ल्याये जी ।
संगडे में ल्याये पारवती ॥ 2 ॥
राम भी अये म्हारे ललछमन भी अए जी ।
संगडे में ल्याये लसया सती ॥ 3 ॥
कौरव भी अए म्हारे पाण्डव भी अए जी ।
संगडे में ल्याये द्रोपदी ॥ 4 ॥
कहत कबीर सुनो भाइ साधो जी ।
ररलद्ध-लसलद्ध ल्याये गणपलत ॥ 5 ॥
श्री गणेश काटो कलेश, Shree Ganesh Kato Kalesh Bhajan Lyrics
ऄरजी दरबार में, करता सरकार में, श्री गणेश, काटो कलेश ॥ टेर ॥
दूाँद दुाँदाला, सूाँड सुन्डाला-मोटा मूाँड, लम्बी सूंड ।
फरकै दूंद, ध्यावााँ थानै ऄरजी करां दरबार में ॥ 2 ॥
पुष्पन माला, नयन लवशाला-चढै लसन्दूर, बरसे नूर ।
दुश्मन दूर, ध्यावााँ थाने ऄरजी करां दरबार में ॥ 3 ॥
ररद्ध लसद्ध नारी, लागै लपयारी, ररद्ध लसद्ध नार, भरो भण्डार ।
करो कल्याण, ध्यावााँ थाने ऄरजी करां दरबार में ॥ 4 ॥
दास मोती लसंह, तेरा यश गावै, गुरु चरणा में शीश नवावै ।
दो वरदान, मागूं दान, सेवा ऄपार, ध्यावां थाने ऄरजी ॥ 5 ॥
सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो, Seva Mhari Mano Ganpat Bhajan Lyrics
खोलो म्हारे हहवडे रा ताला जी ॥ टेर ॥
जल भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
कोइ जलवा ने मछल्या लबगाड्या जी ॥ 1 ॥
चन्दन चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
चन्दन ने सपप लबगाड्या जी ॥ 2 ॥
फूल चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
फूलडा ने भाँवरा लबगाड्या जी ॥ 3 ॥
दूधडला चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
दूधडला ने बाछडा लबगाड्या जी ॥ 4 ॥
काया भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
काया न करमा लबगाड्या जी ॥ 5 ॥
पााँच चरण जलत गोरक्ष बोल्या ।
सााँइ तेरा नाम ऄछूता जी ॥ 6 ॥
शनिवार, 25 अप्रैल 2020
ओ मनवा रे जीवन है संग्राम भजन लिरिक्स, o manwa re ye jivan hai sangram bhajan lyrics, o manva re
जय हनुमान अति बलवान, Jay hanuman ati balwan bhajan lyrics , salasar darbar bhajan
बुधवार, 15 अप्रैल 2020
आनन्द के लुटे खजाने भाई, सतगुरु के दरबार में , aanad ka khajana Lyrics
आनन्द के लुटे खजाने भाई, सतगुरु के दरबार में ।।
कोठी बंगले कारो की भाई, कमी नही उनके पास में ।
वो भी यु कहते ह, हम सुखी नही संसार में ।।
आनन्द के लुटे खजाने भाई सतगुरु के दरबार में ।।
धन में सुख और देखने वालो, धनवानो से पूछ लो ।।भाई ।
एक पल की फुर्सत नाही, जीवन के विचार में ।।
जीवन के विचार में भाई
जीवन के विचार में ,,
आनन्द के लुटे खजाने ,,भाई
सतगुरु के दरबार में ।
भाई बंदु कुटुंब कबीला ,,भाई
जितना लम्बा परिवार ,।
देखे रोज कचहरी
आपस के तकरार में ।।
आपस के तकरार में भाई
आपस के तकरार में ,,
आनन्द के लुटे खजाने ,,भाई
भाईसतगुरु के दरबार में ।।
ना सुख घर में रहने से ,,भाई,,
ना सुख वन में जाने से ।
गुरु भोला नाथ समझावे
सुख ह आत्म विश्वाश में ।।
ह आत्म विश्वाश में भाई
ह आत्म विश्वाश में ।।
आनन्द के लुटे खजाने भाई
सतगुरु के दरबार में ।।
गौरी के सुवन सुजान, प्रथम थारो यश गांवा जी, Gouri Suvan Sujan Bhajan Lyrics
गौरी के सुवन सुजान, प्रथम थारो यश गांवा जी |
म्हारा काटो कष्ट कलेश, गणेश हमेश मनावा जी || टेर ||
एक दन्त सर चन्द्रमा जी, विघ्न हरण गणराज |
गले जनेऊ शेष है जी, सुर सेना सिरताज ||
थारे चरणा शीश नंवावा जी, हमेश मनावा जी || १ ||
दुन्दाला दुःख भंजना जी, सुन्द्याला सुख मूल |
दोष दूर सिन्दूर करे, विघ्न विडारे शूल |
ध्यान चित्त माय लगावा जी, हमेश मनावा जी || २ ||
मोदक मुद मंगल करे जी, पाश विनाशे पाप |
अभय दान सबनै देवो जी, चढ़ मूषक पर आप |
सुमीर थाने सुख पावा जी, हमेश मनावा जी || ३ ||
जाचक उब्या बारने जी, अरज करे दातार |
दाता टूट्यो सावठा जी, रिद्ध सिद्ध भरो भण्डार |
शंभू थारी कीर्ति गांवा जी, हमेश मनावा जी || ४ ||
देखो उलटी रीत जगत की, Dekho Ulti Reet Jagat Ki Lyrics
प्रभाती: देखो उलटी रीत जगत की
देखो उलटी रीत जगत की, पीवै जहर अमी त्यागे |
सुख मारग में कोई कोई चाले, दुःख मारग में स भागे || टेर ||
खीर खांड का भोजन त्यागे, दारू की बोतल मांगे |
कर्महीन क लिख्या कांकरा, मुर्दा की हाड्या चाबे || १ ||
धर्मकथा पर पीसो कोनी चोढ़े, कू रस्ता सौ सौ आगे |
रांड भांड में घर फुन्क्यावे, घर बिना बाधा सागे || २ ||
हिन्दू होली तुरक ताजिया, बे नाचे बे राह गाजे |
इतना प्रेम करे मालिक का, जम का सोटा ना लागे || ३ ||
एक मारगियो बगे देहनो, दूजो बगे उनके डाबो |
दोन्या के बीच मुक्ति को गेलो, रामजीलाल वहा जाबो || ४ ||
द्यो वरदान मुझे भक्ति का, Dyo Vardan Mujhe Bhakti Ka Lyrics
द्यो वरदान मुझे भक्ति का, जागो शंकर बम लहरी |
अन्न धन का भण्डार खोल दे , सेवा करा मालिक थारी ||
अंग वभुती ललाट चन्द्रमा, मुंडीयन कि माला पहरी |
बासुकी नाग गले बिच टूले, शीश जटा गंगा बह री || १ ||
गांजा सुल्फा आक धतुरा, नशा करे शंकर जहरी |
अमल तम्बाकू भांग छूतरा, प्याय रही गौरा प्यारी || २ ||
भक्ति से वरदान ले लियो, तपस्या जाय करी गहरी |
भष्मी कड़ो दियो दानव ने, शिव के गेल हुयो बेरी || ३ ||
आगे शंकर लेरा दानो, देणे लग्या खंड के फेरी |
गिरिजा रूप धरयो विष्णु ने , दाने कि करदी ढेरी || ४ ||
दस शीष रावण ने बक्श्या, बीस भूजा हस्ती गहरी |
विजयी का वरदान पायके, राम तणी सीता ने हरी || ५ ||
काशी चेला शिवशंकर का, पार करो उनकी बेरी |
पलक उघाड़ो अन्तर्यामी , सुवरण का पासा गेरी ||६||
झिलळ झिलळ वालो कुम्भलावे, आवण कि मत कर देरी |
रामजीलाल बिडद बखाने, सुन भोला करुणा मेरी || ७ ||
सादा जीवन सुख से जीना, Sada Jivan Sukh Se Jeena Lyrics
सादा जीवन सुख से जीना, अधिक इतरना ना चाहिए |
भजन सार है इस दुनिया में, कभी बिसरना ना चाहिए ||
मन में भेदभाव नहीं रखना, कौन पराया कौन अपना |
इश्वर से सच्चा नाता है, और सभी झूठा सपना |
गर्व गुमान कभी ना करना, गर्व रहे न गले बिना |
कौन यहाँ पर रहा सदा से, कौन रहेगा सदा बना |
सभी भूमि गौपाललाल की, व्यर्थ भटकना ना चाहिए || भजन सार ||
दान, भोग और नाश तीन गती, धन की ना चौथी कोई |
जतन करंता पच पच मरगा, साथ ले गया ना कोई |
इक लख पूत सवा लख नाती, जाणे जग में सब कोई |
रावण के सोने के लंका, साथ ले गया न वो भी |
सूक्ष्म खाणा खूब बांटना, भर भर धरना ना चाहिए || भजन सार ||
भोग्या भोग घटे ना तृष्णा, भोग भोग फिर क्या करना |
चित्त में चेतन करे च्यानणों, धन माया का क्या करना |
धन से भय विपदा नहीं भागे, झूंठा भरम नहीं धरना |
धनी रहे चाहे हो निर्धन, आखिर है सबको मरना |
कर संतोष सुखी हो मरिये, पच पच मरणा ना चाहिए || भजन सार ||
सुमिरण करें सदा इश्वर का, साधू का सम्मान करे |
कम हो तो संतोष करे नर, ज्यादा हो तो दान करे |
जब जब मिले भाग से जैसा, संतोषी ईमान करे |
आडा टेढ़ा घणा बखेड़ा, जुल्मी बेईमान करे |
निर्भय जीणा निर्भय मरणा, शम्भू डरना ना चाहिए || भजन सार ||
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बंधन काट किया जीव मुक्ता , और सब विपति विडारी बलिहारी बलिहारी , म्हारा सतगुरुवा ने बलिहारी | बंधन काट किया जीव मुक्त...
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भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||
भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...
