शनिवार, 2 मई 2020

धमक पधारो गणपत, Dhamak Padharo Ganpat Mhar Bhajan Lyrics

धमक पधारो गणपत- ओ हनज महन्दर रये में धमक पधारो जी ॥ टेर ॥
ब्र􀄺ा भी अये म्हारे, लवष्णु भी अये जी ।
साँगडे में ल्याया सरस्वती ॥ 1 ॥
लशवजी भी अये संग नााँदे न ल्याये जी ।
संगडे में ल्याये पारवती ॥ 2 ॥
राम भी अये म्हारे ललछमन भी अए जी ।
संगडे में ल्याये लसया सती ॥ 3 ॥
कौरव भी अए म्हारे पाण्डव भी अए जी ।
संगडे में ल्याये द्रोपदी ॥ 4 ॥
कहत कबीर सुनो भाइ साधो जी ।
ररलद्ध-लसलद्ध ल्याये गणपलत ॥ 5 ॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...