आओ वीर हनुमान देवता सारे
म्हारे रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे ।
रणत भाँवर से अवो गजानंद देवा
थारे रीद्ध लसद्ध घर नार करे थारी सेवा ।।
लसंह चढी लहंगलाज जगे मेया ज्योलत ,
थारे गल पुष्पन का हार, हंस चुगे मोती ।।
हो बेल न ऄसवार शंकर देवा
थारे भूत जोगनी नार थारी करे सेवा ।।
हो भैसे ऄसवार शलन महाराजा ,
तेरे भि करे ऄरदास सार देवो काजा ।।
गावे नरलसंह दास लसंघाने वाला ,
थारे हरदम करता ध्यान करो प्रलतपाला ।।
म्हारे रिद्द सिद्दी लेकर आओ गजानांद प्यारे ।
रणत भाँवर से अवो गजानंद देवा
थारे रीद्ध लसद्ध घर नार करे थारी सेवा ।।
लसंह चढी लहंगलाज जगे मेया ज्योलत ,
थारे गल पुष्पन का हार, हंस चुगे मोती ।।
हो बेल न ऄसवार शंकर देवा
थारे भूत जोगनी नार थारी करे सेवा ।।
हो भैसे ऄसवार शलन महाराजा ,
तेरे भि करे ऄरदास सार देवो काजा ।।
गावे नरलसंह दास लसंघाने वाला ,
थारे हरदम करता ध्यान करो प्रलतपाला ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें