शनिवार, 2 मई 2020

आ गिरधारी रे साांवरा आ बनवारी रे, Aa Girdhari Re Ranvra Bhajan Lyrics

आ गिरधारी रे साांवरा आ बनवारी रे
नरहसलो खड्यो उडीक अब तो आ  गिरधारी रे

आ समय भात की आयी पर तू ना सूरत लदखाइ
ऄब तो होव लोग हंसाइ ऄब तो अ गिरधारी रे

म तेरे भरोसे अयो सागे भी कछु न ल्यायो
में आकर के सरमायो ऄब तो आ गिरधारी रे

के तन नींद सतायो क सतभामा बिल्मयो
क भगत कोइ ऄटकायो ऄब तो अ गिरधारी रे

थे भात भरण ना अस्यो आ नानी तो मरज्यासी
या थारो लबड्द लजासी ऄब तो आ  गिरधारी रे

वसु देवकीनंदन अया कंचन का मेह बरसाया
"देवसेना थारो " जस गायो अब तो आ गिरधारी 

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BHAJAN

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