सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हहवडे रा ताला जी ॥ टेर ॥
जल भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
कोइ जलवा ने मछल्या लबगाड्या जी ॥ 1 ॥
चन्दन चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
चन्दन ने सपप लबगाड्या जी ॥ 2 ॥
फूल चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
फूलडा ने भाँवरा लबगाड्या जी ॥ 3 ॥
दूधडला चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
दूधडला ने बाछडा लबगाड्या जी ॥ 4 ॥
काया भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
काया न करमा लबगाड्या जी ॥ 5 ॥
पााँच चरण जलत गोरक्ष बोल्या ।
सााँइ तेरा नाम ऄछूता जी ॥ 6 ॥
खोलो म्हारे हहवडे रा ताला जी ॥ टेर ॥
जल भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
कोइ जलवा ने मछल्या लबगाड्या जी ॥ 1 ॥
चन्दन चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
चन्दन ने सपप लबगाड्या जी ॥ 2 ॥
फूल चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
फूलडा ने भाँवरा लबगाड्या जी ॥ 3 ॥
दूधडला चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
दूधडला ने बाछडा लबगाड्या जी ॥ 4 ॥
काया भी चढाउाँ देवा, कोनी रे ऄछूता ।
काया न करमा लबगाड्या जी ॥ 5 ॥
पााँच चरण जलत गोरक्ष बोल्या ।
सााँइ तेरा नाम ऄछूता जी ॥ 6 ॥
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