रविवार, 3 मई 2020

आव सखी देख गणपत घूम है, aav sakhi dekh ganpat dhoom hai bhajan lyrics

आव सखी देख गणपत घूम है ॥टेर॥
लम्बी सूाँड मतवाला जी घृत, लसन्दुर थार मस्तक सोहे देवा,
लशव-शलि का बाला हो गणपत, देख भया मतवाला जी ॥1॥
राजा भी सुमर थान, परजा भी सुमर है सुमर है जोगी जटावाला जी ।
ईठ साँवरी दोपहरी तान सुमर देवा, ररलद्ध लसलद्ध देवणवाला ओ गणपत ॥2॥
ओढ पीत पीतम्बर सोहे देवा, गल फूलंडा री फूल मालाजी ।
सात सखी रल मंगल गाव देवा, बुलद्ध को देवण हाला जो गणपत ॥3॥
नात गुलाब लमल्या, गुरु पूरा , रृदय में कररयो ईजाला जी ।
भानीनाथ शरण सतगुरु की देवा,खोल्या भ्रम का तIलI ओ गणपत ॥4॥

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