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बुधवार, 25 सितंबर 2019

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में॥

मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

राम रसिया हूँ मैं, सुमिरन करे,
सियाराम का सदा ही मैं चिंतन करू,
सच्चा आनंद है ऐसे ही जीने में,

श्री राम
....
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखा दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना,सागर को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

शनिवार, 14 सितंबर 2019

घणा दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

पहला सूत्यो मात गर्भ में पुन्दा पैर पसार
हाथ जोड़ कर बहार निकल्यो हरी ने दियो बिसराए
जन्म तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
| घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

दूजा सूत्यो मात गोद में हस हस दन्त दिखाए
बहन भांजी लोट जिमावे गावें मंगलाचार
लाड तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

तीजा सूत्यो पिया सेज में मन में बहुत उछाल
त्रिया चरित्र इक जाल रचेयो रे हरी ने दियो बिसराए
बिआह तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घना दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

चौथा सूत्यो श्मशान में लंबा पैर पसार

कहत कबीर सुनो रे भाई साधो दीनी आग लगाए
दाग तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

शनिवार, 12 जनवरी 2019

भजन बिना कोई न जागै रे Bhajan Bina Koi N Jage Re Lyrics

भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै।
तेरा जनम जनम का पाप करेड़ा, रंग किस बिध लागे रै॥टेर॥

संता की संगत करी कोनी भँवरा, भरम कैयाँ भागै रै।

राम नाम की सार कोनी जाणै, बाताँ मे आगै रै ॥1॥

या संसार काल वाली गीन्डी,टोरा लागे रै।

गुरु गम चोट सही कोनी जावै, पगाँ ने लागे रै॥2॥

सत सुमिरण का सैल बणाले, संता सागे रै।

नार सुषमणा राड़ लडै जद, जमड़ा भागै रै॥3॥

नाथ गुलाब सत संगत करले, संता सागे रै।

भानीनाथ अरज कर गावै, सतगुराँजी के आगै रै ॥4॥

रविवार, 30 दिसंबर 2018

गाड़ी वाले मुझे बिठा ले ।। Gadi Wale Mujhe Bith Le Lyrics

गाड़ीवाले म्हणे बिठाले

गाडी वाले म्हणे बिठाले। एकबार गाडी थाम।
भाई मै  हार गया।। 

नरसीजी यो कहने लागे। गाडी मेरी पुरानी है।
जल्दी गाड़ी ठीक करू। ना मेरेसे छानी है।
किसनो म्हारो नाम भगतजी। खाटी म्हारी जात है  ||१||

क्या डोज तुम सुधराई। कहदो तुम नरसी भाई।
चरणांमृत  और तुलसी पत्ते। देवू तुमको सुधराई।
पांच सात मई भजन सुनाऊ। नहीं पल्ले में दाम  ||२||

हात करोती खान्दे बसोलो। लिया हाथ में आरी है।
नरसीजीकी बिग़डी गाडी। प्रभु आय सुधरी है।
सोना के तो चाक मढ़ा दिया। हीरे जडे तमाम   ||३||

बैलो पर जब हाथ धरा। नई चमक शक्ती आई।
नगर अन्जारा पोहोचे नरसी। खुश हुई नानीबाई।
किसनो खाटी उतर गया जब। कर संताने प्रणाम  ||४||

सोला बैठे बाबाजी। गाड़ीमे मेरे माला।
नरसीजीकी गाड़ीके। कृष्ण बने है रखवाला।
किसनो बोल्यो दया राखजो। जाऊंगा अब धाम. ||५||

एक भगत का काम बना। प्रभु आकरके रथवान बने।
जैसे है यह भगत जगत में। वैसेही भगवान बने।
नरसी बोले शाम रटोरे। सरजावे सब काम  ||६||

रविवार, 16 दिसंबर 2018

एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा| ek dor lag jau la guraji thara sarna padya rahunga Lyrics

एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा|

पत्थर न पुजूं, पत्ता न पुजूं, ना कोई देव मनाउंगा|
पात- पात म बसे थारी मूरत, उसके आगे झूक जाउंगा|
एक डोर..........।।1।।

गंगा न जाऊँ, यमुना न जाऊँ, ना कोई तीरथ नाऊंगा|
अड्सठ तीरथ, घट ही म गंगा, उससे भर भर नाऊंगा|
एक डोर........।।2।।

औषद् ना पिऊं, बूटी ना पिऊं, ना कोई करष बताऊंगा|
जद दिखे म्हारा, सत्तगुरू सायब, उसको नबज दिखाऊंगा|
एक डोर...........।।3।।

सब रस छोड, एक रस ताकूं, सत्त अमरापुर जाउंगा|
सरण मछन्दर जति गोरख बोल्या, ब्रम्ह घोट गिट जाऊंगा|
एक डोर......।।4।।

शनिवार, 15 दिसंबर 2018

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय full Ek Acchambho Dekhyo Mero May Lyrics

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय। वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो  मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ईण र् गांव री उलटी रीत।-(2)

नीच छान ऊपर न भींत ।-(2)

चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।-(4)

पोवण वाळी न रोटी खाय।-(2)

छोर की गोद्-यां म छोर की माय,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।-(4)

बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।-(2)

पेड़ कट ओर फल लग जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(2)

ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(4)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।-(2)

कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(2)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(6)

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...