ek लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
ek लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 25 सितंबर 2019

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥

श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में॥

मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

राम रसिया हूँ मैं, सुमिरन करे,
सियाराम का सदा ही मैं चिंतन करू,
सच्चा आनंद है ऐसे ही जीने में,

श्री राम
....
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखा दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना,सागर को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥

शनिवार, 3 अगस्त 2019

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज ek din vo bhole bandari ban kr k tripurari

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए
पार्वती भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी ब्रज में आ गए

पार्वती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूँगा तेरे संग में
रास रचेगा ब्रज मैं भारी हमे दिखादो प्यारी

ओ मेरे भोले स्वामी,  कैसे ले जाऊं अपने संग में
श्याम के सिवा वहां पुरुष ना जाए उस रास में
हंसी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी

ऐसा बना दो मोहे कोई ना जाने एस राज को
मैं हूँ सहेली तेरी ऐसा बताना ब्रज राज को
बना के जुड़ा पहन के साड़ी चाल चले मतवाली

हंस के सत्ती ने कहा  बलिहारी जाऊं इस रूप में
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप मैं
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी

देखा मोहन ने समझ गये वो सारी बात रे
ऐसी बजाई बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे
सिर से खिसक गयी जब साड़ी मुस्काये गिरधारी 

दीनदयाल तेरा तब  से गोपेश्वर  हुआ नाम रे
ओ मेरे भोले बाबा  वृन्दावन में बना  धाम रे
ताराचन्द्र कहे ओ त्रिपुरारी राखो लाज हमारी

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...