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शनिवार, 14 सितंबर 2019

घणा दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

पहला सूत्यो मात गर्भ में पुन्दा पैर पसार
हाथ जोड़ कर बहार निकल्यो हरी ने दियो बिसराए
जन्म तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
| घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

दूजा सूत्यो मात गोद में हस हस दन्त दिखाए
बहन भांजी लोट जिमावे गावें मंगलाचार
लाड तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

तीजा सूत्यो पिया सेज में मन में बहुत उछाल
त्रिया चरित्र इक जाल रचेयो रे हरी ने दियो बिसराए
बिआह तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घना दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

चौथा सूत्यो श्मशान में लंबा पैर पसार

कहत कबीर सुनो रे भाई साधो दीनी आग लगाए
दाग तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग

Sundarkand Lyrics

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