देवसेना युवाओं का संगठन है,जो श्री बालाजी मंदिर,गुर्जरो की ढाणी, रतनगढ़(राजस्थान) के विकास और पुनरुद्धार के लिए समर्पित है। सदस्यो द्वारा हर शनिवार को बालाजी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। देवसेना संगठन के इस यू ट्यूब चैनल पर शनिवार की हर भजन संध्या के वीडियो,देवसेना द्वारा आयोजित संगीतमय सुन्दरकाण्ड और नाथ समुदाय सभी साधू संतो के भजन पोस्ट किए जाएंगे | For Subscribe https://www.youtube.com/c/devsena
शनिवार, 30 नवंबर 2019
दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना
गुरुवार, 7 नवंबर 2019
मैं हरि, पतित पावन सुने
बुधवार, 23 अक्टूबर 2019
वो महाराणा प्रताप कठे |
वो चेतक रो असवार कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?
वो महाराणा प्रताप कठे?
मैं बाचों है इतिहासां में,
मायड़ थे एड़ा पुत जण्या,
अन-बान लजायो नी थारो,
रणधीरा वी सरदार बण्या,
बेरीया रा वरसु बादिळा,
सारा पड ग्या ऊण रे आगे,
वो झुक्यो नही नर नाहरियो,
हिन्दवा सुरज मेवाड़ रतन
वो महाराणा प्रताप कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?
वो महाराणा प्रताप कठे?
ये माटी हळदीघाटी री,
लागे केसर और चंदन है,
माथा पर तिलक करो इण रो,
इण माटी ने निज वंदन है.
या रणभूमि तीरथ भूमि, द
र्शन करवा मन ललचावे,
उण वीर-सुरमा री यादा,
हिवड़ा में जोश जगा जावे,
उण स्वामी भक्त चेतक री टापा,
टप-टप री आवाज कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
संकट रा दन देख्या जतरा,
वे आज कुण देख पावेला,
राणा रा बेटा-बेटी न,
रोटी घास री खावेला
ले संकट ने वरदान समझ,
वो आजादी को रखवारो,
मेवाड़ भौम री पति राखण ने,
कदै भले झुकवारो,
चरणा में धन रो ढेर कियो,
दानी भामाशाह आज कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
भाई शक्ति बेरिया सूं मिल,
भाई सूं लड़वा ने आयो,
राणा रो भायड़ प्रेम देख,
शक्ति सिंग भी हे शरमायों,
औ नीला घोड़ा रा असवार,
थे रुक जावो-थे रुक जावो
चरणा में आई प़डियो शक्ति,
बोल्यो मैं होकर पछतायो,
वो गळे मिल्या भाई-भाई,
जूं राम-भरत रो मिलन अठे,
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो महाराणा
प्रताप कठे?, वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?
वट-वृक्ष पुराणॊं बोल्यो यो,
सुण लो जावा वारा भाई
राणा रा किमज धरया तन पे,
झाला मन्ना री नरवारी,
भाळो राणा रो काहे चमक्यो,
आँखां में बिजली कड़काई,
ई रगत-खळगता नाळा सूं,
या धरती रगत री कहळाई,
यो दरश देख अभिमानी रो,
जगती में अस्यों मनख कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
हळदीघाटी रे किला सूं,
शिव-पार्वती रण देख रिया,
मेवाड़ी वीरा री ताकत,
अपनी निजरिया में तौल रिया,
बोल्या शिवजी-सुण पार्वती,
मेवाड़ भौम री बलिहारी,
जो आछा करम करे जग में,
वो अठे जनम ले नर नारी,
मूं श्याम एकलिंग रूप धरी,
सदियां सूं बैठो भला अठे
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
मानवता रो धरम निभायो है,
भैदभाव नी जाण्यो है,
सेनानायक सूरी हकीम यू,
राणा रो चुकायो हे
अरे जात-पात और ऊंच-नीच री,
बात अया ने नी भायी ही,
अणी वास्ते राणा री प्रभुता,
जग ने दरशाई ही,
वो सम्प्रदाय सदभाव री,
मिले है मिसाल आज अठे,
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
कुम्भलगढ़, गोगुन्दा, चावण्ड,
हळदीघाटी ओर कोल्यारी
मेवाड़ भौम रा तीरथ है,
राणा प्रताप री बलिहारी,
हे हरिद्वार, काशी, मथुरा, पुष्कर,
गलता में स्नान करा,
सब तीरथा रा फल मिल जावे,
मेवाड़ भौम में जद विचरां,
कवि “माधव” नमन करे शत-शत,
मोती मगरी पर आज अठे,
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
अरे आज देश री सीमा पर,
संकट रा बादळ मंडराया,
ये पाकिस्तानी घुसपेठीया,
भारत सीमा में घुस आया,
भारत रा वीर जवाना थे,
याने यो सबक सिखा दिजो,
थे हो प्रताप रा ही वंशज,
याने यो आज बता दिजो,
यो कशमीर भारत रो है,
कुण आंख दिखावे आज अठे
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे? वो मेवाड़ी सिरमौर
कठे? वो महाराणा प्रताप कठे?
हल्दी घाटी में समर लड़यो,
वो चेतक रो असवार कठे?
मायड़ थारो वो पुत कठे?
वो एकलिंग दीवान कठे?
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे?
वो महाराणा प्रताप कठे?
बुधवार, 25 सितंबर 2019
हरो ना विघ्न सब दूर, सालासर वाले हरो ना विघन सब दूर
1. सालासर तेरा भवन विराजे, झालर शंख नगाड़ा बाजे।
द्वारे थारे नोबत बजे, ओ चढ़ता ह पिरत सिंदूर ॥ सालासर वाले ॥
2.थे बजरंगी हो रणमण्डल, मोटे पांव भुजा बल दंगल।
दानव मार के कर दिया खंडन, हो कर दिया चकनाचूर ॥ सालासर वाले ॥
3. रामचंद्र जी के सार् दिए काजा, समुद्र ऊपर बांध दिए पाजा।
रावण सरीखा मार दिए राजा, मुखड़े से बरसे है नूर॥ सालासर वाले ॥
4. बालाजी ने सभी मनावे, मन इच्छा भोजन फल पावे।
देवसेना गावे, देवोजी विध्या भरपूर॥ सालासर वाले ॥
बोल सालासर वाले कि जय
अन्य बालाजी के भजन |
https://www.youtube.com/watch?v=udKRBPfpmkI
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में ॥
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे दिल के नगीने में॥
मुझको कीर्ति ना वैभव ना यश चाहिए,
राम के नाम का मुझको रस चाहिए,
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
राम रसिया हूँ मैं, सुमिरन करे,
सियाराम का सदा ही मैं चिंतन करू,
सच्चा आनंद है ऐसे ही जीने में,
श्री राम
....
फाड़ सीना हैं, सब को ये दिखा दिया,
भक्ति में मस्ती है, सबको बतला दिया,
कोई मस्ती ना,सागर को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में ॥
शनिवार, 21 सितंबर 2019
भजन - म्हारा प्यारा रे गजानन आइज्यो
म्हारा प्यारा रे गजानन आइज्यो,
रिद्ध सिद्ध न सागै ल्याइज्यो जी।
थानै सबसे पहला मानवां,
लडुवन को भोग लगावां,
थे मूसे चढ़कर आइज्यो जी |
म्हारा प्यारा....
माँ पार्वती का प्यारा,
शिव शंकर लाल दुलारा,
थे बाँध पागड़ी आइज्यो जी ||
म्हारा प्यारा.....
थे रिद्ध सिद्ध का दातारी,
थानै ध्यावै दुनिया सारी,
म्हारा अटक्या काज बणाइज्यो जी ||
म्हारा प्यारा.....
"देवसेना" थारो " यश गावे,
थारे चरणां शीश नवावे,
म्हारी नैया ने पार लगाई ज्यो जी ||
म्हारा प्यारा....
गजानन महाराज की जय ||
शनिवार, 14 सितंबर 2019
घणा दिन सो लियो रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
पहला सूत्यो मात गर्भ में पुन्दा पैर पसार
हाथ जोड़ कर बहार निकल्यो हरी ने दियो बिसराए
जन्म तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
| घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
दूजा सूत्यो मात गोद में हस हस दन्त दिखाए
बहन भांजी लोट जिमावे गावें मंगलाचार
लाड तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
तीजा सूत्यो पिया सेज में मन में बहुत उछाल
त्रिया चरित्र इक जाल रचेयो रे हरी ने दियो बिसराए
बिआह तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घना दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
चौथा सूत्यो श्मशान में लंबा पैर पसार
कहत कबीर सुनो रे भाई साधो दीनी आग लगाए
दाग तेरा हो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
घणा दिन सो लियो, रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
शुक्रवार, 9 अगस्त 2019
शिवताण्डवस्तोत्रम्
शनिवार, 3 अगस्त 2019
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज ek din vo bhole bandari ban kr k tripurari
इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए
पार्वती भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी ब्रज में आ गए
पार्वती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूँगा तेरे संग में
रास रचेगा ब्रज मैं भारी हमे दिखादो प्यारी
ओ मेरे भोले स्वामी, कैसे ले जाऊं अपने संग में
श्याम के सिवा वहां पुरुष ना जाए उस रास में
हंसी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी
ऐसा बना दो मोहे कोई ना जाने एस राज को
मैं हूँ सहेली तेरी ऐसा बताना ब्रज राज को
बना के जुड़ा पहन के साड़ी चाल चले मतवाली
हंस के सत्ती ने कहा बलिहारी जाऊं इस रूप में
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप मैं
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी
देखा मोहन ने समझ गये वो सारी बात रे
ऐसी बजाई बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे
सिर से खिसक गयी जब साड़ी मुस्काये गिरधारी
दीनदयाल तेरा तब से गोपेश्वर हुआ नाम रे
ओ मेरे भोले बाबा वृन्दावन में बना धाम रे
ताराचन्द्र कहे ओ त्रिपुरारी राखो लाज हमारी
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम Shyam teri bansi pukare radha name
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
सॉवरे की बंसी को बजने से काम
राधा का भी नाम वो तो मीरा का भी श्याम
यमुना की लहरें बसीबट की छैया
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया
श्याम का दीवाना तो सारा बूज धाम
लोग करें मीरा को...॥
कौन जाने बॉसुरिया किसको बुलाए
जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए
कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा - ठहरो-2 की हम रह गए है।
काफिला....
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है-3
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है।।
गुरु के पीछे लोग चलते गए,
कांरवा बन गया लोग जुड़ते गए - 2
उनको देखा तो हमने आवाज -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है।।
करुणा कर के हमे साथ मे लेलिया-2
हम भी है साथ मे काफिला चल दिया
सारे लोगों को एक पल में दिखला दिया -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंच
ठहरो-2 की हम रह गए है।।
मौज में मन मगन जोके उड़ता गया -2
इस जहाँ के भुलावे में फंसता गया
मौज में मन मगन जोके उड़ता गया
इस जहाँ के भुलावे में फंसता गया
जमाने की जब हमको ठोकर लगी
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह।।
काफिले के सभी लोग आगे गए -2
रास्ते के नजरों में हम फँस गए
काफिले के सभी लोग आगे गए
रास्ते के नजरों में हम फँस गए
व्याधियों मव जहां की उलझ रह गए -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह।।
आप तो पहुंचे मंजिल पर अपनी
करी कोशिशें हमने कितनी -2
बाँके की प्रार्थना सुनलो इतनी-2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह ।।
ठहरो-2 की हम रह गए है-3
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह-3/।।
शुक्रवार, 15 मार्च 2019
सोमवार, 11 मार्च 2019
सोमवार, 4 मार्च 2019
रविवार, 3 मार्च 2019
Aajya Manmohan Meera Medatni Bulav lyrics || मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे | |Aajya Manmohan Meera Medatani Bulav
आज्या मनमोहन मीरा मेड़तणी बुलावेमीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
दासी बुलावे रे,
आज्या मनमोहन मीरा मेड़तणी बुलावेबाबो सा और मायड़ म्हाने लाड लडाई ,
राम जाने राणा संग क्यों म्हाने ब्याही,
बाबो सा और मायड़ म्हाने लाड लडाई ,
राम जांण राणा संग क्यों म्हाने ब्याही,
दुनिया री प्रीत म्हाने दाय कोनी आवे रे,
दुनिया री प्रीत म्हाने दाय कोनी आवे रे,
दाय कोनी आवे,
आज्या मनमोहन मीरा मेड़तणी बुलावेमीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
दासी बुलावे रे,
पत्थर ने काई पूजो बोले यो राणा जी,
ठाकुर ने जिमाओ जद प्रीत साची माना जी,
पत्थर ने काई पूजो बोले यो राणा जी,
ठाकुर ने जिमाओ जाना प्रीत साची माना जी,
झूठी कपटनी कुल के दाग लगावे रे,
झूठी कपटनी कुल के दाग लगावे रे,
दाग लगावे रे,
आज्या मनमोहन मीरा मेड़तणी बुलावेमीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
दासी बुलावे रे,
दूध को कटोरो अर लाया मीरा बाई,
पियो म्हारा श्याम थाने मीरा री दहाई,
दूध को कटोरो अर लाया मीरा बाई,
पियो म्हारा श्याम थाने मीरा री दहाई,
प्रेम दीवानी मीरा श्याम रिझावे रे,
प्रेम दीवानी मीरा श्याम रिझावे रे,
श्याम रिझावे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
दासी बुलावे रे,
मीरा री पुकार सुन श्याम धणी आयो,
दूध को कटोरो भरयो सारो गटकायो,
मीरा री पुकार सुन श्याम धणी आयो,
दूध को कटोरो भरयो सारो गटकायो,
भोला भगता री ठाकुर लाज बचावे रे,
भोला भगता री ठाकुर लाज बचावे रे,
लाज बचावे रे,
आज्या मनमोहन मीरा मेड़तणी बुलावेमीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
मीरा बुलावे थाने, दासी बुलावे रे,
दासी बुलावे रे,
शनिवार, 2 मार्च 2019
शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019
मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019
सोमवार, 18 फ़रवरी 2019
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019
राणी राजा भरतरी से अरज करे ,विकास नाथ जी Raja Bharatari Katha
राजा भरथरी से अरज करे, महलो में कड़ी महारानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
नगर उज्जैन के राजा भरथरी हो घोड़े असवार |
एक दिन राजा दूर जंगल में खेलन गया शिकार |
विछड गए सारे संग के साथी राजा भये लाचार |
किस्मत ने जब करवट बदली छुटा दिए घरबार |
अब होनहार टाली न टले समझे कोनी दुनिया दीवानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
काला सा एक मिरग देखकर तीर ताण कर मारा |
तीर कलेजा चीर गया मृग धरणी पे पड़ा बेचारा |
व्याकुल होकर हिरणी बोली ओ पापी हत्यारा |
मिरगे के संग में सती होवांगी हिरणी का डार विचारा |
अब रो रो के फ़रियाद करे राजा भये अज्ञानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
राजा जंगल में रुदन करे गुरु गोरखनाथ पधारे |
मिरगे को प्राण दान दे तपसी राजा का जनम सुधारे |
उसी समय में राजा भरथरी तन के वस्त्र उतारे |
ले गुरुमंत्र बन गया जोगी अंग वभूति रमाये |
अब घर घर अलख जगाता फिरे बोले मधुर वाणी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
गुरु गोरख की आग्या भरथरी महलों में अलख जगाता |
भर मोतियन को थाल ल्याई दासी ले जोगी सुखदाता |
ना चाहिए तेरा माणक मोती चुठी चून की चाहता |
भिक्षा ल्यूँगा जद ड्योढ़ी पर आवेगी पिंघला माता |
अब राणी के नैना से नीर ढरे पियाजी की सुरत पिछाणी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी |
भाग दोड़ के पति चरणों में लिपट गई महाराणी |
बेदर्दी तोहे दया नहीं आई सुनले मेरी कहानी |
बाली उमर नादान नाथ मेरी कैसे कटे जिंदगानी |
पिवजी छोडो जोग राज करो बोले प्रेम दीवानी |
थारे अन्न का भण्डार भरया थे रोज करो मनमानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
धुप छाव की काया माया दुनिया बहता पाणी |
अमर नाम मालिक को रहसी सोच समझ अज्ञानी |
भजन करो भव सिन्धु तिरो यू कहता लिखमो ग्यानी |
नई नई रंगत गावे माधोसिंह आवागमन की ज्यानी |
अब राम का भजन करो सब प्यारे तेरी दो दिन की जिंदगानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी
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जिस माला में राम नाम ना वो माला किस काम की | भजले मनवा सांझ सवेरे एक माला हरी नाम की | जिस माला में राम नाम ...
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बंधन काट किया जीव मुक्ता , और सब विपति विडारी बलिहारी बलिहारी , म्हारा सतगुरुवा ने बलिहारी | बंधन काट किया जीव मुक्त...
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भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||
भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...
