ओ राजा बल के दरबार मची रे होली राजा बलि के
१. के मण लाल गुलाल उड़त है
के मण केसर कस्तूरी रे राजा ....
२. सो मण लाल गुलाल उड़त है
दस मण केसर कस्तूरी रे राजा......
३. कितारे बरस को ओ कंवर कानुड़ो रे
कितरा बरस की है राधा गोरी रे राजा ....
४ बीस बरस को म्हारो कंवर कानुड़ो रे
तेरह बरस की है राधा गोरी रे राजा ......
५ कुणा जी के हाथ में है को कटोरों रे
कुणा जी रे हाथ में पिचकारी रे राजा ....
६ राधा जी रे हाथ में रंग को कटोरों रे
कानुड़ रे हाथ में पिचकारी रे राजा ....
७ भर पिचकारी कानू राधा उपर मारी रे
है रंग से भिगोड़ो आंगणयो रे ... राजा ...