बुधवार, 3 मार्च 2021

Gordi || Gordi Kr Solha singar lyrics || गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली ||

 

              गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली पाणी ने पणिहार

              पाणी ने पणिहार गोरड़ी पाणी ने पणिहार

              गोरड़ी कर सोल्हा सिणगार चाली पाणी ने पणिहार


 १. खली बेद घड़ी ये माता रूपा दे उणीयार 

     नेण नखत का तीखा जाण बिजली के पल्कारे 

     ले चंदा स्यू रूप उधार चाली पाणी न ....

२.   टूम्या वाली लाल कांचली गोरी क तन ओपी 

     घाघरा पर सुवा कसुमल चुनढ लाग चोखी 

      बाय पल्ल ने फटकर चोली ...

३. चुडलो बाजू बंद बोरलो, कान सुरलिया साज

  कडिया पाती पग नेवरिया, पगा बिछुड़ीया बाज 

  गल में पैर पैर नोलखो हार चाली ......

४. घड़लो भरता मुख देखण जद पुन दियो फटकार 

  पाणी चुस्यो सुरजी अखरयो बिजली रो पलकारो 

चेत चुक हुआ मोट्यार चाली ....








गोरडी कर सौलाह श्रीणगार

चाली पाणी ने पणिहार

पाणी खेच खड़ी बेमाथा रूपाली उनियारे{x2}
मेलण लगी धरती का धाने बिजली रे पणकारे{x2}
ले चन्दा से रूप उधार{x2}
चाली पाणी ने…

घड़ल्यो भरता ने देखण ज़द तू रे दिया फटकार{x2}
पाणी ढूलग्यो सूरज आकर घड़िया बिजली फणकार{x2}
गले में पहन नौ लक्खा हार{x2}
चाली पाणी ने…

बूँदिया वाली लाल काँचली गोरी के तंग होसी{x2}
घाघलीया पर सूवा कसुमल चूंदड लागे चोखी{x2}
आई पल्लो ने फटकार{x2}
चाली पाणी ने…

माथे उपर लाल बिंदी सूरज री चमकर{x2}
होंठो से तो रस यूँ बरसे गागर ज्यूँ चलकर{x2}
की बाजी झांझर री झंकार{x2}
चाली पाणी ने…

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