बुधवार, 26 दिसंबर 2018

डस गयो काळो रे कंवर रोहिताश ने | das Gyo Kalo Re Kunvar Rohitash ne Lyrics vrdevsena

डस गयो काळो रे कंवर रोहिताश ने
(म्हारी) छाती भर आव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने
म्हारो हियो हुलसाव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने।


फूल तोड़न ने गयो बेटो बाग में डस गयो काळो देखो गोर-गोर हाथ ने
(जुल्म कर्यो रे बेरी)2 इस काले नाग ने
*[[म्हारो हियो हुलसाव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने
(जुल्म कर्यो रे बेरी)2 इस काले नाग ने
(म्हारी) छाती भर आव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने
म्हारो हियो हुलसाव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने
डस गयो काळो रे कंवर रोहिताश ने
(म्हारी) छाती भर आव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने
म्हारो हियो हुलसाव रे लाला देखू तेरी ल्हाश ने।]]*



बोल तो बोल बेटा एक बार बोल रे,माता उडिके रे थारी अंखियां तू खोल रे
(छुप गयो चाँद जैसे)~2 अंधियारी रात म
म्हारो हियो भर......


लाश को लेके राणी शमशान आयी अपने हाथों से राणी चिता तो बनायी
(टप-टप नीर बरसे)-2 राणी की आँख से
म्हारो हियो भर......


इतने में हरिशश्चंद्र राजा वहां देते पहरा पहले चुका दे राणी कर्जा तू मेरा
(कर्जा चुका के राणी)-2 फेर फूंकी ल्हाश रे
म्हारो हियो भर......

कर जोड़ राणी बोली सुणो परमेश्वर मेरे पास पैसा,वस्तु कुछ नही वस्त
(कैसे चुकाऊँ राजा)-2 कुछ नहीं पास में
म्हारो हियो भर ....


में तो हूँ नोकर राणी मालिक भंगी, इस दुनिया में मेरा कोई नहीं संगी
(कर्जा चुका दे राणी)-2 साड़ी तेरे पास में
म्हरो हियो भर.....


आधी साड़ी से राणी कफ़न बणायो, आधी साड़ी से राणी कर्जो चुकायो
(कर्जो चुका के राणी )-2 फूँकण लागी ल्हाश ने
म्हरो हियो भर.....


गगन मण्डल से पुष्प जो बरसे एक पुत्र बिना राजी राणी  तरसे
(नंद लाल कब से गाव)-2 रहूँ तेरे सामने/(पास म)
म्हरो हियो भर....
डस गयो काळो रे ...

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

नम: शिवाय भजता जा Nmh Shivay Ratata Ja Lyrics




नम: शिवाय रटता  जा
ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव , ॐ शिव ॐ शिव रटता जा |
नम: शिवाय नम: शिवाय, नम: शिवाय भजता जा ||
शिव शंकर कैलाशपति है, अंग वभूति रमाते है |
जटाजूट में गंग बिराजै, गंगाधर को रटता जा || नम: शिवाय ||
भांग धतुरा भोग लागत है, गले सर्पो की माला रे |
नंदी की असवारी सोहे, नन्दीश्वर को रटता जा || नम: शिवाय ||
भष्मासुर को भष्म कराया, लीला अपरम्पार तेरी |
मोहिनी रूप धारयो विष्णु ने, लीलाधर को रटता जा || नम: शिवाय ||
गगन मंडल थारी महिमा गावै, गावै नर और नारी रे |
ऐसे दीनदयाल मेरे दाता, भूतनाथ को रटता जा || नम: शिवाय ||
ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव ॐ शिव , ॐ शिव ॐ शिव रटता जा |



रविवार, 16 दिसंबर 2018

एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा| ek dor lag jau la guraji thara sarna padya rahunga Lyrics

एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा|

पत्थर न पुजूं, पत्ता न पुजूं, ना कोई देव मनाउंगा|
पात- पात म बसे थारी मूरत, उसके आगे झूक जाउंगा|
एक डोर..........।।1।।

गंगा न जाऊँ, यमुना न जाऊँ, ना कोई तीरथ नाऊंगा|
अड्सठ तीरथ, घट ही म गंगा, उससे भर भर नाऊंगा|
एक डोर........।।2।।

औषद् ना पिऊं, बूटी ना पिऊं, ना कोई करष बताऊंगा|
जद दिखे म्हारा, सत्तगुरू सायब, उसको नबज दिखाऊंगा|
एक डोर...........।।3।।

सब रस छोड, एक रस ताकूं, सत्त अमरापुर जाउंगा|
सरण मछन्दर जति गोरख बोल्या, ब्रम्ह घोट गिट जाऊंगा|
एक डोर......।।4।।

शनिवार, 15 दिसंबर 2018

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय full Ek Acchambho Dekhyo Mero May Lyrics

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय। वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो  मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ईण र् गांव री उलटी रीत।-(2)

नीच छान ऊपर न भींत ।-(2)

चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।-(4)

पोवण वाळी न रोटी खाय।-(2)

छोर की गोद्-यां म छोर की माय,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।-(4)

बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।-(2)

पेड़ कट ओर फल लग जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(3)

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(2)

ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(4)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।-(2)

कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(2)

दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)

परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)

एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(6)

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय Ek achhambho dekhyo meri may Lyrics

हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो  मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।~
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ईण र् गांव री उलटी रीत।
ईण र् गांव री उलटी रीत।~
नीच छान ऊपर न भींत ।
नीच छान ऊपर न भींत ।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।
बिन जल ताल भर्-या  है पाणी।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

प्रेम से हरि नाम रटना चहिये prem se hari nam ratna cahiye Lyrics


प्रेम से हरि नाम रटना चहिये

कर्म से पीछे ना हटना चाहिये, प्रेम से हरि नाम रटना चहिये (कर्म...... )
सुख - दुःख,दिन - रात से आते सदा , ये समझ इनसे निपटना चाहिये  (कर्म..)
भोग में भ्रम है, सुखो का सुख कहा , भूलकर भी ना लिपटना चाहिये (कर्म ....)

मृत्यु कर देती है, जब सबसे अलग , व्यर्थ क्यूँ इससे चिमटना चाहिये ( कर्म ...)

मार्गदर्शन वेद - बुद्ध सब कर रहें , शम्भू फ़िर क्यूँ, दर भटकना चाहिये ( कर्म ....)

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...