शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

प्रेम से हरि नाम रटना चहिये prem se hari nam ratna cahiye Lyrics


प्रेम से हरि नाम रटना चहिये

कर्म से पीछे ना हटना चाहिये, प्रेम से हरि नाम रटना चहिये (कर्म...... )
सुख - दुःख,दिन - रात से आते सदा , ये समझ इनसे निपटना चाहिये  (कर्म..)
भोग में भ्रम है, सुखो का सुख कहा , भूलकर भी ना लिपटना चाहिये (कर्म ....)

मृत्यु कर देती है, जब सबसे अलग , व्यर्थ क्यूँ इससे चिमटना चाहिये ( कर्म ...)

मार्गदर्शन वेद - बुद्ध सब कर रहें , शम्भू फ़िर क्यूँ, दर भटकना चाहिये ( कर्म ....)

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