देवसेना युवाओं का संगठन है,जो श्री बालाजी मंदिर,गुर्जरो की ढाणी, रतनगढ़(राजस्थान) के विकास और पुनरुद्धार के लिए समर्पित है। सदस्यो द्वारा हर शनिवार को बालाजी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। देवसेना संगठन के इस यू ट्यूब चैनल पर शनिवार की हर भजन संध्या के वीडियो,देवसेना द्वारा आयोजित संगीतमय सुन्दरकाण्ड और नाथ समुदाय सभी साधू संतो के भजन पोस्ट किए जाएंगे | For Subscribe https://www.youtube.com/c/devsena
शनिवार, 22 दिसंबर 2018
नम: शिवाय भजता जा Nmh Shivay Ratata Ja Lyrics
सोमवार, 17 दिसंबर 2018
रविवार, 16 दिसंबर 2018
एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा| ek dor lag jau la guraji thara sarna padya rahunga Lyrics
एक डोर लग ज्याउला गुराजी थारे, शरणा पड्या रहूँगा|
पत्थर न पुजूं, पत्ता न पुजूं, ना कोई देव मनाउंगा|
पात- पात म बसे थारी मूरत, उसके आगे झूक जाउंगा|
एक डोर..........।।1।।
गंगा न जाऊँ, यमुना न जाऊँ, ना कोई तीरथ नाऊंगा|
अड्सठ तीरथ, घट ही म गंगा, उससे भर भर नाऊंगा|
एक डोर........।।2।।
औषद् ना पिऊं, बूटी ना पिऊं, ना कोई करष बताऊंगा|
जद दिखे म्हारा, सत्तगुरू सायब, उसको नबज दिखाऊंगा|
एक डोर...........।।3।।
सब रस छोड, एक रस ताकूं, सत्त अमरापुर जाउंगा|
सरण मछन्दर जति गोरख बोल्या, ब्रम्ह घोट गिट जाऊंगा|
एक डोर......।।4।।
शनिवार, 15 दिसंबर 2018
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय full Ek Acchambho Dekhyo Mero May Lyrics
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय। वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ईण र् गांव री उलटी रीत।-(2)
नीच छान ऊपर न भींत ।-(2)
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।-(4)
पोवण वाळी न रोटी खाय।-(2)
छोर की गोद्-यां म छोर की माय,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।-(4)
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।-(2)
पेड़ कट ओर फल लग जाय,
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(3)
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।(2)
ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(4)
दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)
परखण वाळा तुरन्त मार जाए,वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।-(2)
कह गए गोरख उल्टी वाणी।-(2)
दूध का दूध और पाणी का पाणी।-(2)
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(3)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(2)
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।-(6)
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय Ek achhambho dekhyo meri may Lyrics
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।~
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ईण र् गांव री उलटी रीत।
ईण र् गांव री उलटी रीत।~
नीच छान ऊपर न भींत ।
नीच छान ऊपर न भींत ।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018
प्रेम से हरि नाम रटना चहिये prem se hari nam ratna cahiye Lyrics
कर्म से पीछे ना हटना चाहिये, प्रेम से हरि नाम रटना चहिये (कर्म...... )
सुख - दुःख,दिन - रात से आते सदा , ये समझ इनसे निपटना चाहिये (कर्म..)
भोग में भ्रम है, सुखो का सुख कहा , भूलकर भी ना लिपटना चाहिये (कर्म ....)
मृत्यु कर देती है, जब सबसे अलग , व्यर्थ क्यूँ इससे चिमटना चाहिये ( कर्म ...)
मार्गदर्शन वेद - बुद्ध सब कर रहें , शम्भू फ़िर क्यूँ, दर भटकना चाहिये ( कर्म ....)
म्हारै राम राम राम, सतगुरु सायब आया जी Mhara Ram Ram Ram Satguru Sahayab Aaya Ji Lyrics
भला ही आया जी, सतगुरु खूब आया जी |
म्हारै राम राम राम, सतगुरु सायब आया जी ||
दूर देश से चलकर आया, सिर माथे पग म्हारे ल्याया |
आवो जी महाराज म्हारे, साधा रो उमाओ ||
उच्या थल्ला माथे कोई बेसणा जी, कोई जाजम देवा बिछाय |
थारा चरण धोय चरणामृत लेवा, म्हारे फेर कद आवोगा ||
भाव का भोजनिया गुराजी, थाने तनमन वारा जी |
आज रेन विश्राम करो म्हारे , फेर कद आवोगा ||
नाथ गुलाब मिल्या गुरु पूरा, म्हाने त्यारण आया जी |
भानीनाथ शरण सतगुरु की, बधावा गाया जी ||
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म्हारा हरिया बन रा सुवटिया, तने राम मिले तो कहिजे रे, राम मिले तो कहिजे रे, घनश्याम मिले तो कहिजे रे, म्हारा हरीया बन रा सुवटिया, तने राम ...
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जिस माला में राम नाम ना वो माला किस काम की | भजले मनवा सांझ सवेरे एक माला हरी नाम की | जिस माला में राम नाम ...
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भेरूनाथ रा घुँघरिया.....(२) जद आंगण म बाजे र ..... जद सात सुख दुनियारा घर घर में आ बिराज (२) भेरूनाथ रा घुँघरिया..... (२ ) जद आंगण म बा...
Sundarkand Lyrics
वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर गुरूर साक्षात ...