बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

जीनो जीनो कजरो Jhino Jhino Kajro Saar Lyo Suhagan Lyrics

 

झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,

तेल रामा लयों केशा में,

पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.

गगन मंडल में घल्या रे हिंडोला,
रेशम डोर छिटके न्यारी,
सूरत निरत दोन्यू हिंडन बैठी,
झोंटा देवे बाने साँवरो गिरधारी.

झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.


सोहणा वसत्र छोड़ दयो सुहागन,
भगवा वसत्र लयों प्यारी,
भगवा में भगवान बसत है,
बठे तो कटेगी थारि चोरयासी.
झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.

पिवर बसबो छोड़ दयो सुहागन,
सासरिए बस जयवो प्यारी,
सासरिया का लोग भलेरा,
जिन संग मोज़ा है भारी.
झिनो झिनो कजरों सार लयों सुहागन,
तेल रामा लयों केशा में,
पाँच रे पच्चीस थाने खड़्या रे उडिके,
चालो ऐ दिवानी चाला देशा में.

आठ रे नवमी आवे रे दड़ूकती ,
ग्यारस बारस सै आसी,

रामानन्द जी रा भनत कबीरा ,
मँज लया मँज लया चढ़ ज्यासी.

||जय श्री नाथजी की ||

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