गुरुवार, 7 अक्टूबर 2021

मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खडे || Mangal Ki Seva Rajasthani

 मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,

हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

पान सुपारी ध्वजा नारियल,

ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥

सुन जगदम्बे न कर विलम्बे,

संतन के भडांर भरे ।

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जय काली कल्याण करे ॥


बुद्धि विधाता तू जग माता,

मेरा कारज सिद्व करे ।

चरण कमल का लिया आसरा,

शरण तुम्हारी आन पडे ॥

जब-जब भीड पडी भक्तन पर,

तब-तब आप सहाय करे ।

संतन प्रतिपाली सदा खुशाली,

जय काली कल्याण करे ॥


गुरु के वार सकल जग मोहयो,

तरुणी रूप अनूप धरे ।

माता होकर पुत्र खिलावे,

कही भार्या भोग करे ॥

शुक्र सुखदाई सदा सहाई,

संत खडे जयकार करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जै काली कल्याण करे ॥


ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये,

भेट देन तेरे द्वार खडे ।

अटल सिहांसन बैठी मेरी माता,

सिर सोने का छत्र फिरे ॥

वार शनिचर कुमकुम बरणो,

जब लुंकड़ पर हुकुम करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशाली,

जै काली कल्याण करे ॥


खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये,

रक्त बीज को भस्म करे ।

शुम्भ-निशुम्भ को क्षण में मारे,

महिषासुर को पकड दले ॥

आदित वारी आदि भवानी,

जन अपने को कष्ट हरे ।

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जै काली कल्याण करे ॥


कुपित होकर दानव मारे,

चण्ड-मुण्ड सब चूर करे ।

जब तुम देखी दया रूप हो,

पल में सकंट दूर करे ॥

सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता,

जन की अर्ज कबूल करे ।

सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जै काली कल्याण करे ॥


सात बार की महिमा बणनी,

सब गुण कौन बखान करे ।

सिंह पीठ पर चढी भवानी,

अटल भवन में राज्य करे ॥

दर्शन पावे मंगल गावे,

सिद्ध साधक तेरी भेट धरे ।

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जै काली कल्याण करे ॥


ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे,

शिव शंकर हरी ध्यान धरे ।

इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती,

चंवर कुबेर डुलाय रहे ॥

जय जननी जय मातु भवानी,

अटल भवन में राज्य करे ।

संतन प्रतिपाली सदा खुशहाली,

जय काली कल्याण करे ॥


मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,

हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

पान सुपारी ध्वजा नारियल,

ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥


मंगल की सेवा सुन मेरी देवा,

हाथ जोड तेरे द्वार खडे ।

पान सुपारी ध्वजा नारियल,

ले ज्वाला तेरी भेट धरे ॥

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में || Bhangdli sarnai re shiv thare naina me || अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ ||

  भाँगडली शरणाई रे शिव थारा नैणा में, अर्जी सुन्ज्यो दीनानाथ, थे तो भूता रा सरदार तेरी महिमा अपरम्पार धतूरो बोयो वन मे भांगडली गरनाई रे शिव ...