राम नाम वालों झुँझनीयों, मेरा सतगुरु आके बजादियों,
सतगुरु आके बजा दियो, मेरा धनगुरु आके बज दियो |
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मन मेरा सतगुरु पूरा मिल गया, मन भरमी ने घायल कियो,
लागि चोट शबदडा री तन मे, मन मस्तानन मार दियो |
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सतगुरु आके बजा दियो, मेरा धनगुरु आके बज दियो,
राम नाम वालों झझुँझनीयों, मेरा सतगुरु आके बजादियों |
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पहली रे नाम नाभ से लीनो, कंठ कमल ठहराय दियो,
कंठ कमल की रे अगलो ड़ि घाटी, बँक नाल में बाड़ दियो |
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सतगुरु आके बजा दियो, मेरा धनगुरु आके बज दियो,
राम नाम वालों झुँझनीयों, मेरा सतगुरु आके बजादियों |
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शून्य शिखर के रंग महल में, बादल जो गुर राई रयों,
झीर मीर झीर मीर अमृत बरसे, ई अमृत ने पी रयों |
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सतगुरु आके बजा दियो, मेरा धनगुरु आके बज दियो,
राम नाम वालों झुँझनीयों, मेरा सतगुरु आके बजादियों |
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तन के ऊपर अखी शून्य है, बिन सूरज चमकाए रयों,
शरण मछेन्दर जती गोरक्ष बोल्या, आप मे आप समाए रयों |
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सतगुरु आके बजा दियो, मेरा धनगुरु आके बज दियो,
राम नाम वालों झुँझनीयों, मेरा सतगुरु आके बजादियों |
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