रविवार, 5 सितंबर 2021

एक दिन वो भोले भंडारी बन करके बृज नारी गोकुल में आ गए है Lyrics || Ek Din Vo Bhole Lyrics || EK DIn Vo Bhole Bhandari Lyrics

 


 

एक दिन वो भोले भंडारी बन करके बृज नारी गोकुल में  गए है |
पारवती भी मना के हारी माने त्रिपुरारीगोकुल में  गए है ||
पारवती से बोले बाबा में भी चलूँगा तेरे साथ में |

राधा संग श्याम नाचेमें भी नाचूँगा तेरे संग में |
रास रचेगा बृज में भारी, हमें दिखादे प्यारी ||
गोकुल में  गये है - ..........

 मेरे भोले स्वामीकैसे ले जाऊ तोहे रास में |
मोहन के सिवा कोईपुरुष  नाचे इस रास में |
हंसी करेगी बृज की नारी, मानो बात हमारी ||
गोकुल में  गये है - ..........

ऐसा सजा दे मुझकोकन्हैया  जाने मेरे राज को |
में हु सहेली तेरी, ऐसा बताना बृजराज को |
लगा के गजरा बाँध के साड़ी, चाल चले मतवाली ||
गोकुल में  गये है - ..........

ऐसी बजाई बंसी, सुधबुध भूले भोलेनाथ रे |
 ही गये रे शंभू , समझ गये बृजराज रे |
सरक गई जब सिर से साड़ीपूछता ये बनवारी ||
गोकुल में  गये है - .........

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