रटो पाववती के भरतार, करेंगे भव से बेड़ा पार |
हशव नांदे के ऄसवार करेंगे भव से बेड़ा पार ||
1.कैलाश के राजा अप महाराजा, शोभा बरनी न जाइ |
गौरा संग में बाए ऄंग में, शेषनाग ललपटाए |
जाटा जूट में गंग की धार, करेंगे भव से बेडा पार || १ ||
2.भष्मासुर सुर को दे लदया हरी ने, भष्म कडा ऄलतभारी |
वो दीवाना सोचे दाना, हर ल्यु लशव लक नारी |
ललया मन में कपट लवचार , करेंगे भव से बेडा पार || २ ||
3.शम्भू भाग्या डर जब लाग्या, तीन लोक घबराये |
देवो ने जब माया पलटी, लवष्णु प्रकट हो अये |
ललया रूप मोलहनी धार, करेंगे भव से बेडा पार || ३ ||
4.सीताराम राधेश्याम , रटता माला तेरी |
अया शरण में पड्या चरण में, लाज रालखयो म्हारी |
लशव लनराधार अधार, करेंगे भव से बेडा पार || ४ ||
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