हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।~
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ईण र् गांव री उलटी रीत।
ईण र् गांव री उलटी रीत।~
नीच छान ऊपर न भींत ।
नीच छान ऊपर न भींत ।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
चरियां को पाणी मंडेरी चढ़ जाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ. ....
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
आग जल्ड़ चूल्हों बुत जाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
पोवण वाळी न रोटी खाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
छोर की गोद्-यां म छोर की माय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ....
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
कह गए नाथ जी ऐसी वाणी।
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।
बिन जल ताल भर्-या है पाणी।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
पेड़ कट ओर फल लग जाय
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
हंर एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
ओ.......
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय ।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
कह गए गोरख उल्टी वाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
दूध का दूध और पाणी का पाणी।
परखण वाळा तुरन्त मार जाए।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
एक अचम्भो देख्यो मेरी माय, वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
वन म चरा ल्याई सिंघ न गाय।
इस का अर्थ हिंदी में क्या है बताईए
जवाब देंहटाएंइसका अर्थ भी बता दीजिए
हटाएंSupper line
जवाब देंहटाएं😍👌
जवाब देंहटाएंकुणसो खेलै कुणसो गाय
जवाब देंहटाएंनींद सूत्यै नै सपना खाय।
अगर पूरी वाणी को अरथा देते तो उचित रहता
अर्थ कया ह ईस भजन का वो बताओ
जवाब देंहटाएंWhat is the right meaning of this Kadir ulatbasi
जवाब देंहटाएंArth bhi smjhao na iska
जवाब देंहटाएंArth bhi smjhao na iska
जवाब देंहटाएंAag jale chulha bujh jaye mtlb Parthiv deeh jb jlate h us din ghr me chulha nhi jlta h or powan wali n roti khaye jo roti bnati thi aaj wo na kha rhi h chhore ki godi m chhore ki mast praan jb niklte h tb aksar beta maa ya baap ko apni godi me le leta h ... In gaw ki ulti reee t mtlb upr chhan niche bhit chhan arthi or us pr bheet diwar jesa sunn apna sarir mujhe iska mtlb yhi lga h baki lines ka mila nhi h aajtk prayaas kr rhi hu mile to btana
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत खूब बताया आपने
हटाएंबहुत बढ़िया
हटाएंये भजन पूरा मृत्यु पर है
हटाएंजो समझ जायेगा वो मोह छोड़ देगा
Sandar sir ji
हटाएंNICHE CHHAN UPAR NE BHINT KA MATLAB HAI KUWA , KARI KA PANI MANDERI CHAD JAY KA MATLAB HAI KUYE SE PANI NIKALNA
हटाएंNichhe chaan matlab arthi whi baans or saman chaan ya jhopdi ya chaan bnane k kam aata h whi arthi me or upr bheet ( dewar) yani mra hua sarir
हटाएंअति उत्तम भजन
जवाब देंहटाएंअति उत्तम भजन
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर व्याख्या
जवाब देंहटाएंसंतों की वाणी जो समझ जाय उसका उद्धार निश्चित है 🙏
Van me chara layi singh ne gay iska matlab bata dijiye koi🙏
जवाब देंहटाएंGood song 👍👍👍
जवाब देंहटाएं