देवसेना युवाओं का संगठन है,जो श्री बालाजी मंदिर,गुर्जरो की ढाणी, रतनगढ़(राजस्थान) के विकास और पुनरुद्धार के लिए समर्पित है। सदस्यो द्वारा हर शनिवार को बालाजी मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। देवसेना संगठन के इस यू ट्यूब चैनल पर शनिवार की हर भजन संध्या के वीडियो,देवसेना द्वारा आयोजित संगीतमय सुन्दरकाण्ड और नाथ समुदाय सभी साधू संतो के भजन पोस्ट किए जाएंगे | For Subscribe https://www.youtube.com/c/devsena
शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019
राणी राजा भरतरी से अरज करे ,विकास नाथ जी Raja Bharatari Katha
राजा भरथरी से अरज करे, महलो में कड़ी महारानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
नगर उज्जैन के राजा भरथरी हो घोड़े असवार |
एक दिन राजा दूर जंगल में खेलन गया शिकार |
विछड गए सारे संग के साथी राजा भये लाचार |
किस्मत ने जब करवट बदली छुटा दिए घरबार |
अब होनहार टाली न टले समझे कोनी दुनिया दीवानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
काला सा एक मिरग देखकर तीर ताण कर मारा |
तीर कलेजा चीर गया मृग धरणी पे पड़ा बेचारा |
व्याकुल होकर हिरणी बोली ओ पापी हत्यारा |
मिरगे के संग में सती होवांगी हिरणी का डार विचारा |
अब रो रो के फ़रियाद करे राजा भये अज्ञानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
राजा जंगल में रुदन करे गुरु गोरखनाथ पधारे |
मिरगे को प्राण दान दे तपसी राजा का जनम सुधारे |
उसी समय में राजा भरथरी तन के वस्त्र उतारे |
ले गुरुमंत्र बन गया जोगी अंग वभूति रमाये |
अब घर घर अलख जगाता फिरे बोले मधुर वाणी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
गुरु गोरख की आग्या भरथरी महलों में अलख जगाता |
भर मोतियन को थाल ल्याई दासी ले जोगी सुखदाता |
ना चाहिए तेरा माणक मोती चुठी चून की चाहता |
भिक्षा ल्यूँगा जद ड्योढ़ी पर आवेगी पिंघला माता |
अब राणी के नैना से नीर ढरे पियाजी की सुरत पिछाणी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी |
भाग दोड़ के पति चरणों में लिपट गई महाराणी |
बेदर्दी तोहे दया नहीं आई सुनले मेरी कहानी |
बाली उमर नादान नाथ मेरी कैसे कटे जिंदगानी |
पिवजी छोडो जोग राज करो बोले प्रेम दीवानी |
थारे अन्न का भण्डार भरया थे रोज करो मनमानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी ||
धुप छाव की काया माया दुनिया बहता पाणी |
अमर नाम मालिक को रहसी सोच समझ अज्ञानी |
भजन करो भव सिन्धु तिरो यू कहता लिखमो ग्यानी |
नई नई रंगत गावे माधोसिंह आवागमन की ज्यानी |
अब राम का भजन करो सब प्यारे तेरी दो दिन की जिंदगानी |
राज पाठ तज बन गया जोगी या के मन में ठानी
सोमवार, 11 फ़रवरी 2019
हे मंगल की मूल भवनी शरणा तेरा है |
शरणा तेरा है, आसरा तेरा है, शरणा तेरा है ॥टेर॥
मैया है ब्रह्मा की पुतरी, लेकर ज्ञान स्वर्ग से उतरी,
अज तेरी कथा बनाय देइ सुथरी, प्रथम मनाया है ॥1॥
मैया भवन बणा जाली का, हार गूंथ ल्याया है माली का,
हो ध्यान घर कलकत्ते वाली का, पुष्प चढाया है ॥2॥
मैया मलहषासुर को मारे, अपने बल से धरण पछाड्या,
हो हाथ ललये खाण्डा दुघारा, असुर संघायाप है ॥3॥
कहता शंकर जटोली वाला, हरदम रटे गुरां की माला,
हो खोल मेरे हृदय का ताला, सब बर पाया है ॥4॥
रविवार, 10 फ़रवरी 2019
रामाश्रम सत्संग मथुरा, उपकेंद्र:- रतनगढ़
गुरु कृपा ही केवलम्
रामाश्रम सत्संग मथुरा, उपकेंद्र:- रतनगढ़
श्री बृजलाल जी द्वारा लगाया गया ये कल्प वृक्ष आज अपनी शाखाओ को निरन्तर फैला रहा है |
गुरु महाराज की कृपा से आज हम सब उन्ही के द्वारा बताई गई क्रिया को दोहरा रहे है |
क्रिया करते समय हर क्षण हमे यही अनुभूति होती है, मानो हम उनके समक्ष है और वह हमारा पथ प्रदर्शित कर रहे है |
और आशा करते है ऐसे ही गुरु महाराज की कृपा बानी रहेगी |
गुरु महाराज कृपा करे |
(रामाश्रम सत्संग मथुरा समर्थ गुरु परम सन्त डॉ चतुर्भुज सहाय जी (परम पूज्य गुरु महाराज) द्वारा अपने गुरु महात्मा रामचन्द्र जी के आदेश पर स्थापित किया गया | इसका मुख्य केंद्र मथुरा, उत्तर प्रदेश (भारत) में स्थित है |.)
शनिवार, 9 फ़रवरी 2019
तू आयो देर से गिरधारी.संत श्री गुलाबनाथ जी महाराज (tu aayo der se girdhari) Lyrics
आयो देर से गिरधारी, तू आयो देर से गिरधारी |
तेरी पाछी ले ज्या गाठड़ी तू मोड़े आयो गिरधारी ||
और सगा ने महल मालिया, सुंदर महल अटारी |
नरसी भगत ने टूटेडी टपरी, बा भी गाँव से न्यारी ||
और सगा ने लाडू जलेबी, सत पकवान मिठाई |
नरसी भगत ने बासी खिचड़ी, बा भी लूण से खारी ||
और सगा ने हिंगलू ढोलिया, गादी गिन्डवा न्यारा,
नरसी भगत ने फतेदी गुदड़ी, बभी चूहा से फाड़ी ||
कह नरसिलो सुन रे सांवरा आनो है तो आ ज्या |
नानी बाई को भरके मायरो , पाछा सुरग सिधारो ||
छप्पन करोड़ को ल्यायो मायरो, न्याय करो प्रभु त्यारो |
छिन्तरमल नरसी कि लज्जा, रखे बंसी वालो |
गुरुवार, 31 जनवरी 2019
महाराज गजानन्द आओ जी Maharaj Gajanan Aao Ji lyrics
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
रणत भवन से आवो नी गजानन,
संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
ब्रम्हा जी आवो देवा विष्णु पधारो,
संग में सरस्वती ले आवो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
नांदिये सवारी शिव भोला पधारो,
संग में पार्वती ने ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
सिंघ सवारी नवदुर्गे पधारो,
संग में काळा गौरा ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
लीले सवारी बाबा रामदेव आवो,
संग में मेतल राणी ल्यावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आवो,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
तानसेन देवा थारो यश गावे,
भूल्या ने राह बतावो,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।
गणराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ,
महाराज विनायक आओ,
म्हारी सभा में रंग बरसाओ।।
बुधवार, 30 जनवरी 2019
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला (मानव) ,तन किया समझाऊ रे | Tn Kiya Smjhu Mera Hasla Lyrics
हाथी होतो जंजीर जड़ाउ रे,
चारु पांव बंधाई बण महावत तेर पर बैठुं,
ऄंकुि देय चलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
घोड़ो होतो लगाम लगाउ,
उपर वजण जड़ाउ होय ऄसवार तेरे पर बैठू,
चाबुक फेर चलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ...
सोनो हो तो सुनार बुलाउ,
तन कुंडवलया ठुकवाउ ज्ञान नली की फूंक लगाउ,
पानी ज्यूाँ वपघलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
लोहो हो तो लुहार बुलाउ,
तन ऐरण पर चढवाउ हथौड़ा की चोट लगा कर,
तार जन्ती वखंचवाई रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
ज्ञानी होतो ज्ञान बताउ,
तन सत की राह बताउ कह "नारायण" सुन मेरा मनवा,
ऄमरापुर पह ंचाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
चारु पांव बंधाई बण महावत तेर पर बैठुं,
ऄंकुि देय चलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
घोड़ो होतो लगाम लगाउ,
उपर वजण जड़ाउ होय ऄसवार तेरे पर बैठू,
चाबुक फेर चलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ...
सोनो हो तो सुनार बुलाउ,
तन कुंडवलया ठुकवाउ ज्ञान नली की फूंक लगाउ,
पानी ज्यूाँ वपघलाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
लोहो हो तो लुहार बुलाउ,
तन ऐरण पर चढवाउ हथौड़ा की चोट लगा कर,
तार जन्ती वखंचवाई रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
ज्ञानी होतो ज्ञान बताउ,
तन सत की राह बताउ कह "नारायण" सुन मेरा मनवा,
ऄमरापुर पह ंचाउ रे |
तन कियाँ समझाऊ मेरा हँसला। ....
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