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मंगलवार, 18 मई 2021

सुन सुन है म्हारी काया ऐ लाड़ली || Sun Sun Hai Mhari Kaya R Ladli Lyrics

सुन सुन है म्हारी काया ऐ लाड़ली
काया के दाग़ लगाए मत ना कुसंगत मे जाये मत ना या काया थारी हीरा वरणी -(2) हीरा मे कांकरा मिलाये मत ना कुसंगत मे जाये मत ना

आ काया थारी सोना वरणी-(2)
सोना म खाद मिलाई मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना 
या काया थारी मोती वरणी -(2)
मोती को पानी गवाए मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना

या काया थारी कोयल वरणी -(2)
कोयल से कागा बनाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना

या काया थारी हंसा वरणी -(2)
हंसा से बुगलो बनाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना

कहत कबीर सुनो भाई साधो -(2)
सांता को साथ गावाये मत ना
साधा को साथ गावाये मत ना
कुसंगत मे जाये मत ना

Sundarkand Lyrics

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