- गीत -
म्हारो प्रान्त राजस्थान... म्हारे वीरा रो अभिमान...(ध्रु.पं.)
पालणीया में पुत सुलावे गीत मरण रा गावे
मर जाणी पर इला न देणी .....(2)
एडी सीख सीखावे.....
म्हारो प्रान्त......... (ध्रु.पं.)
सिंहारे दाँता ने गीण - गीण टाबर गिणती सीखें
जोहर री ज्वाला में पदमण.....(2)
कूद सती हो जावे...
म्हारो प्रान्त......... (ध्रु.पं.)
जैसाणे रो भटी पुनमासिंह सन् पैंसठ में लङियो
देश रे खातीर कटा दियो सर....(2)
लाज देश री राखी......
म्हारो प्रान्त......... (ध्रु.पं.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें