आयो देर से गिरधारी, तू आयो देर से गिरधारी |
तेरी पाछी ले ज्या गाठड़ी तू मोड़े आयो गिरधारी ||
और सगा ने महल मालिया, सुंदर महल अटारी |
नरसी भगत ने टूटेडी टपरी, बा भी गाँव से न्यारी ||
और सगा ने लाडू जलेबी, सत पकवान मिठाई |
नरसी भगत ने बासी खिचड़ी, बा भी लूण से खारी ||
और सगा ने हिंगलू ढोलिया, गादी गिन्डवा न्यारा,
नरसी भगत ने फतेदी गुदड़ी, बभी चूहा से फाड़ी ||
कह नरसिलो सुन रे सांवरा आनो है तो आ ज्या |
नानी बाई को भरके मायरो , पाछा सुरग सिधारो ||
छप्पन करोड़ को ल्यायो मायरो, न्याय करो प्रभु त्यारो |
छिन्तरमल नरसी कि लज्जा, रखे बंसी वालो |
Bhajan ki ek line kha Gaye
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