सोमवार, 22 अक्टूबर 2018

देवसेना सुन्दरकाण्ड ,भगत सिंह सेवा संस्थान ,46 वी सत्संग सभा ,20-10 -2018

उठे तो बोले राम,बैठे तो बोले राम ,विकासनाथ जी भजन Uth To Bol Ram Baith To Bol Ram Lyrics





उठे तो बोले राम,
बैठे तो बोले राम।
यो तो रामभक्त हनुमान,
बोले राम राम राम॥

आकें राम नाम की भक्ति,
याके राम नाम की शक्ति।
आकों राम चरण में धाम,
बोले राम राम राम॥
उठे तो बोले राम….

आकें नैणा मांही राम,
आकें हृदय मांही राम।
आकें रोम रोम में राम,
बोले राम राम राम॥
उठे तो बोले राम….

है राम सिया का प्यारा,
है भरत समान दुलारा।
आको राम शरण में धाम,
बोले राम राम राम॥
उठे तो बोले राम….

कोई भगत नहीं है ऐसो,
श्री हनुमान के जैसो।
गावे राम भक्त गुणगान,
बोले राम राम राम॥
उठे तो बोले राम….

उठे तो बोले राम,
बैठे तो बोले राम।
यो तो रामभक्त हनुमान,
बोले राम राम राम॥




रविवार, 21 अक्टूबर 2018

श्री बालाजी ने लाड लडावे माता अंजना,संत विकासनाथ जी महाराज Balaji N Lad ladav Mata Aanjana Lyrics




श्री बालाजी ने लाड लडावे माता अंजना।
श्री बालाजी ने लाड लडावे माता अंजना॥

बालपणे में बाबो सूरज पकड्यो।
सारा देवता न ल्याय छुडावे माता अंजना॥
श्री बालाजी ने लाड लगावे माता अंजना’

न्हाय धोय कर कस्यो है लंगोटो।
राम जी को नाम पढावे माता अंजना॥
श्री बालाजी ने लाड लगावे माता अंजना’

सवा सवा मण का रोटिया चूर कर।
बालाजी ने भोग लगावे माता अंजना॥
श्री बालाजी ने लाड लगावे माता अंजना’

जाओ हनुमंत खेलो पर्वत पर।
विद्या बल बुद्धि बढ़ावे माता अंजना॥
श्री बालाजी ने लाड लगावे माता अंजना’

"माधव"कहे कोई अड़ी मांही सिमरे।
हनुमत लाल छुडावे माता अंजना॥
श्री बालाजी महाराज ने लगावे माता अंजना

शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

देवसेना 9 वी सत्संग सभा,03 -02 -2018

गणेश आया रिद्धि सिद्धि ल्याया (ganesh aaya riddhi siddhi laya). Bhajan n... Lyrics



गणेश आया रिद्धि सिद्धि ल्यायाभरया भण्डारा रहसी ओ राम,मिल्या सन्त उपदेशी,  
                    
गुरु मोंयले री बाताँ कहसी ,ओ राम म्हान झीणी झीणी बाता कहसी ॥टेर॥                                                                                                                                           
हल्दी का रंग पीला होसीकेशर कद बण ज्यासी ॥1

कोई खरीद काँसीपीतलसन्त शब्द लिख लेसी ॥2

खार समद बीच अमृत भेरीसन्त घड़ो भर लेसी ॥3

 खीर खाण्ड का अमृत भोजनसन्त नीवाला लेसी ॥4

कागा कँ गल पैप मालाहँसलो कद बण ज्यासी ॥5

ऊँचे टीले धजा फरुकेचौड़े तकिया रहसी ॥6

साध-सन्त रल भेला बैठनुगरा न्यारा रहसी ॥7


शरण मछेन्दर जती गोरख बोल्याटेक भेष की रहसी ॥8

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...