सोमवार, 3 दिसंबर 2018

उठे तो बोले राम,देवसेना 52 वी सत्संग सभा ,01-12-2018 Uth To Bol Ram Baith To Bol Ram Lyrics

भाई रे मत दीजो मावड़ली ने दोष, कर्मा की रेखा न्यारी॥टेर॥.
भाई रे एक बेलड़ के तूम्बा चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो गुराँसा रे हाथ, दूजोडो मृदंग बाजणो।भाई रे
तीजो तम्बुरा वाली बीण, चोथोडो भीक्षा मांगणो॥1.
भाई रे एक गऊ के बछड़ा चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो सुरज रो सांड, दूजोडो शिव को नान्दियो।
भाई रे तीजो यो धाणी वालो बैल, चोथोड़ो बालद लादनो॥2॥.
भाई रे एक माटी का बर्तन चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहले में दहिड़ो जमावे, दूजो तो शिव के जल चढ़े।
भाई रे तीजो पणिहार्या रे शीश, चोथोड़ो शमशान जायसी॥3॥.
भाई रे एक मायड़ के पुत्र चार, चारा री करणी न्यारी न्यारी।
भाई रे पहलो राजाजी री पोल, दूजोड़ो हीरा पारखी।
भाई रे तीजो यो हाट बजार, चोथोड़ो भीक्षा मांगसी॥4॥.
भाई रे कह गया कबीरो धर्मीदास, कर्मारा भारा मेटयो॥5॥
जय देवसेना | 
जय श्री बालाजी की | 
वन्देमातरम | 
जय हिन्द | 

सोमवार, 26 नवंबर 2018

तू आयो देर से गिरधारी.संत श्री गुलाबनाथ जी महाराज gulab nath ji Tu aayo der se giridhari Lyrics


आयो देर से गिरधारी, तू आयो देर से गिरधारी |
तेरी पाछी ले ज्या गाठड़ी तू मोड़े आयो गिरधारी ||

और सगा ने महल मालिया, सुंदर महल अटारी |
नरसी भगत ने टूटेडी टपरी, बा भी गाँव से न्यारी ||

और सगा ने लाडू जलेबी, सत पकवान मिठाई |
नरसी भगत ने बासी खिचड़ी, बा भी लूण से खारी ||

और सगा ने हिंगलू ढोलिया, गादी गिन्डवा न्यारा,
नरसी भगत ने फतेदी गुदड़ी, बभी चूहा से फाड़ी ||

कह नरसिलो सुन रे सांवरा आनो है तो ज्या |
नानी बाई को भरके मायरो , पाछा सुरग सिधारो ||

छप्पन करोड़ को ल्यायो मायरो, न्याय करो प्रभु त्यारो |
छिन्तरमल नरसी कि लज्जा, रखे बंसी वालो |

गुरुवार, 22 नवंबर 2018

शिव डमरू वाले को दिल से ना भुलाना तू ,विकास नाथ जी भजन Shiv damru wale ko dil se n bhulana tu Lyrics



शिव डमरू वाले को, दिल से ना भूलाना तू |
शंभू त्रिपुरारी की, निज आरती गाना तू ||

शिव शिव कहके प्राणी, जीने का मजा लेले |
मालूम नहीं कब तू, दुनिया से रजा लेले ||
भोले भण्डारी को, निज हाल सुनाना तू || शम्भू ||

किस्मत के भरोसे पे, कर्मो को किये जा तू |
दो दिन की रवानी है, हँस हँस के जिए जा तू |
माया के दीवानों का, कुछ खोफ़ ना खाना तू || शम्भू ||

पीकर के जहर शिव ने, अमृत को बिसारा था |
कर जोड़ के देवो ने, भोले को पुकारा था |
शिव चरण के पाणी को, आँखों से लागाना तू || शम्भू ||

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...