बुधवार, 3 दिसंबर 2025

Sundarkand Lyrics

वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ

निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा


गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर 

गुरूर साक्षात परम ब्रह्म तस्मे श्री गुरवे नमः


विघ्न हरण मंगल करण गणनाय गणराज 

प्रथम निमंत्रण आपको मेरी सकल सिधारो काज


कैसे करूँ में वंदना ना सुर ना आजवा 

कैसे में में वंदना ना सुर ना आवाज़ 

आज परीक्षा है मेरी मेरी लाज रखो गणराज


सदा भवानी दाहिनी तो समुख रहत गणेश 

पाँच देव रक्षा करे ब्रह्मा विष्णु महेश


बेगी हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होई हमारो कोन सो संकट मोर ग़रीब को जो तुमसो नहीं जात है टारो


1. महाराज गजानंद आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ

…...….……………………

महाराज गजानंद आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ

हा

ब्रह्मा जी आओ देवा विष्णु पधारो

सरस्वती न संग लियाओ जी

हा 

नंदे सवारी शिव भोला पधारो 

पार्वती ने संग ल्याओ जी

महाराज गजानंद आवो जी

म्हारी सभा में रंग बरसाओ जी


6. श्री बालाजी ने लाड लड़ाव माता अंजना 

.........

लड़ावे माता अंजना खिलावे माता अंजना

..........

श्री बालाजी ने लाड लड़ाव माता अंजना


13. हो.......... माता सीता की गोदी में हनुमत डारी मुंदरी 

.........

माता सीता की गोदी में हनुमत डारी मुंदरी

........

हनुमत डारी मुंदरी , बजरंग डारी मुंदरी 

.......

माता सीता की गोदी में हनुमत डारी मुंदरी look

....

हो, सुनके जामवंत की बात बजरंग मारी एक छलांग

हृदय ध्यान राम को राख, सागर कूद पड़े हनुमान शीश पे राखे मुंदरी 

हनुमत डारी मुंदरी बजरंग डारी मुंदरी 

माता सीता की गोदी में हनुमत डारी मुंदरी


17. सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की झड़ीv

हो, ऐसे राम दरस रस बरसे जैसे सावन की झड़ी 

सावन की झड़ी प्यासे प्राणों पे पड़ी

सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की झड़ी

कौशल्या नंदन राजा राम

जानकी वल्लभ सीताराम

जय सियाराम जय जय सियाराम

जय सियाराम जय जय सियाराम

राम लखन अनमोल नगीने अवध अंगूठी में जड दीने 

सीता एसी सोहे जैसे मोती की लड़ी

सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की झड़ी




मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहुसु दशरथ अजर बिहारी

दीनदयाल विरुदू संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी 


21. हो...... कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभु जी चले आना

तुम राम रूप में आना, हो सीता साथ लेके धनुष हाथ लेके चले आना

प्रभु जी चले आना

तुम श्याम रूप में आना, हो राधा साथ लेके बंसी हाथ लेके चले आना 

प्रभु जी चले आना।



उठे तो बोले राम ,बैठे तो बोले राम

ओ रामभक्त हनुमान बोले राम राम राम 



राम राम जय श्री राम 

राम राम जय श्री राम

बोलो मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहुसु दशरथ अजर बिहारी 

दीनदयाल विरुदू संभारी हरहु नाथ मम संकट भारी।।


सखा सब प्रेम से बोलो हरे रामा हरे रामा

हरे रामा हरे रामा हरे रामा हरे रामा

यही उपदेश शिव को दिया था श्याम सुन्दर ने

के उनके डमरू से निकले हरे रामा हरे रामा

सखा सब......

यही उपदेश विष्णु को दिया था श्याम सुन्दर ने

के उनके चक्कर से निकले हरे रामा हरे रामा

सखा सब.....

यही उपदेश ब्रह्मा को दिया था श्याम सुन्दर ने

के उनके वेदो से निकले हरे रामा हरे रामा

सखा सब.....



26. कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा ये काम

मेरी राम जी कह देना जय सियाराम

मैं राम संग जपता तुम्हारा सदा नाम

अपने राम जी से कह देना जय सिया राम।।

करदो केसरी के लाल मेरा छोटा सा ये काम

मेरी राम जी कह देना जय सियाराम।।


उठो हे पवनपुत्र 

 हनुमान सागर पार जाना है 

सागर पार जाना है सागर पार जाना है

उठो हे पवनपुत्र 

 हनुमान सागर पार जाना है 

पड़ी श्री राम पे विपदा भारी,

लकं पत हर लई जनक दुलारी,

तुम वीरो म वीर बलकारी,

साबित कर दिखलाना है

उठो हे पवनपुत्र

 हनुमान सागर पार जाना है।



रघुनंदन राघव राम हरे श्री राम हरे श्री राम हरे

रघुनंदन राघव राम हरे श्री राम हरे श्री राम हरे

रघुनंदन राघव राम हरे श्री राम हरे श्री राम हरे


31. तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये ।

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये । 


ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये ॥ 


तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये । 

तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये



प्रभु जी आया कष्ट अपार राम जी आया कष्ट अपार 

के सिर पर हाथ धरो मेरी नौका पड़ी मझधार राम जी पार करो ।

तेरा द्वारा छोड़ प्रभु जी किसके द्वारे जाऊ 

तुम बिन मेरा कौन राम जी किसको व्यथा सुनाऊं।

हो मोहे सुझे ना कोई द्वार 

के सिर पर हाथ धरो मेरी नौका पड़ी मझधार राम जी पार करो।।


मैं तो बांके की बाकी बन गई और बांका बन गया मेरा

इस बांके का सब कुछ बांका, इस बांके का सब कुछ बांका।

हो मैं तो बांके की बाकी बन गई और बांका बन गया मेरा।।



राम राम जय श्री राम

राम राम जय श्री राम

राम राम जय श्री राम राम राम जय श्री राम


34. करता हूं मैं वंदना नाथ सिर बारंबार 

तुझे देव परमात्मान मंगल शिव शुभ काज।।

अंजलि पर मस्तक किए विनय भक्ति के साथ 

नमस्कार मेरा तुझे होवे जग के नाथ ।।

दोनों कर को जोड़कर मस्तक घुटने टेक 

तुझको हो प्रणाम मम सत सत कोटि अनेक।।

पाप हरण मंगल करण चरण शरण का ध्यान

द्वारा करूं प्रणाम मैं तुझको शक्ति निदान।।


हो मेरो प्यारो नंदलाल किशोरी राधे

किशोरी राधे हो श्यामा प्यारी राधे 

हो मेरो प्यारो नंदलाल किशोरी राधे।


भक्तों के राजा श्याम मोरे आजा 

श्याम मोरे आजा गोविंद मोरे आजा

भक्तों के राजा श्याम मोरे आजा।


आओ म्हारा नटवर नागरिया पधारो म्हारा नटवर नागरिया 

हा जी आओ म्हारा नटवर नागरिया पधारो म्हारा नटवर नागरिया।

भगता र क्यो नहीं आयो रे 

हा जी आओ म्हारा नटवर नागरिया पधारो म्हारा नटवर नागरिया।


नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा।

नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा......

श्याम सुंदर मुख चंदा भजो रे मन गोविंदा।।


राम राम जय श्री राम 

बोलो मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहुसु दशरथ अजर बिहारी 

दीनदयाल विरुदू संभारी हरहु नाथ मम संकट भारी।।



36. कुन बाली रे लंका कुन बाली।पूछे सिताजी,माली ने लंका कुन  बाली। रे लंका कुन बाली।

होगी काली रे लंका होगी काली।। ओ माली बोल रे,।रावण री लंका कुन बाली। रे लंका कुन बाली



41. वीर हनुमाना अति बलवाना,

राम नाम रसियो रे,

प्रभु मन बसियो रे ।

जो कोई आवे, अरज लगावे,

सबकी सुनियो रे,

प्रभु मन बसियो रे ।

बजरंग बाला फेरू थारी माला,

संकट हरियो रे,

प्रभु मन बसियो रे ।

अर्जी हमारी, मर्ज़ी तुम्हारी,

कृपा करियो रे,

प्रभु मन बसियो रे।।

रामजी का प्यारा, सिया का दुलारा,

संकट हरियो रे,

प्रभु मन बसियो रे ।

हो हो हो हो .......


46. आसरो बालाजी म्हणे थारो, थे कस्ट निवारो ,

पधारो माहरे आगणिए पधारो,

थारी मैं बुलावा जय जय कार,

⁰थारी मैं बुलावा जय जय कार,


सालासर में सज्यो है दरबार

अंजनी का लाला दुखिआरा दातार

थाने जो धेआवे करेदो बेडा पार

काटदो धन्नेओ दुःख महारो, कस्ट निवारो ,

पधारो माहरे आगणिए पधारो

थारी मैं बुलावा जय जय कार।।



बजरंगी की पूजा से सब काम होता है हनुमान की पूजा से सब काम होता है।

इनके दर्शन से ही बिगड़ा हर काम होता है.... हनुमान की पूजा से सब काम होता है।

सिंदूर चढ़ाने से ही बिगड़ा हर काम होता है.... हनुमान को खुश करना आसान होता है। बजरंगी की पूजा से हर काम होता है।


सुबह सुबह ले शिव का नाम,

कर ले बन्दे यह शुभ काम ।

सुबह सुबह ले शिव का नाम,

शिव आयेंगे तेरे काम।।

ॐ नमः शिवाय 

ॐ नमः शिवाय।।


 

49. ए मेरे बजरंग बली आपके बिना में कुछ भी नहीं

आप जो मेरे साथ न होते तो मैं कुछ भी नहीं होता।।


55. ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम उर्वारुकमिव बधनात मृत्युमुख्षीय मम्रीतत।।


बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।

बता मेरे यार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


बालक थारे जब आया करता,

रोज खेलके जाया करता ।

हुई कै तकरार सुदामा रै,

भाई घणे दिना में आया ।


59. चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो,

शिव जी के चरणों में सर को झुकाए ।

करें अपने तन मन को गंगा सा पावन..2

जपें नाम शिव का भजन इनके गाएं ॥


मेरी झोपडी के भाग आज खुल जाएंगे राम आयेंगे 

राम आयेंगे आयेंगे राम आयेंगे 

मेरी झोपडी के भाग आज खुल जाएंगे राम आयेंगे।।


श्री राम जय राम जय jayram ।।

श्री राम जय राम जय जयराम।।

Sundarkand Lyrics

​ वक्र तुंड महाकाय सूर्य कोटि संप्रभ निर्विघ्न कुरू में देव सर्व कार्य सर्वदा गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु गुरुर देवों महेश्वर  गुरूर साक्षात ...