शनिवार, 3 अगस्त 2019

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज ek din vo bhole bandari ban kr k tripurari

इक दिन वो भोले भंडारी बन करके ब्रज की नारी ब्रज में आ गए
पार्वती भी मना के हारी ना माने त्रिपुरारी ब्रज में आ गए

पार्वती से बोले मैं भी चलूँगा तेरे संग मैं
राधा संग श्याम नाचे मैं भी नाचूँगा तेरे संग में
रास रचेगा ब्रज मैं भारी हमे दिखादो प्यारी

ओ मेरे भोले स्वामी,  कैसे ले जाऊं अपने संग में
श्याम के सिवा वहां पुरुष ना जाए उस रास में
हंसी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी

ऐसा बना दो मोहे कोई ना जाने एस राज को
मैं हूँ सहेली तेरी ऐसा बताना ब्रज राज को
बना के जुड़ा पहन के साड़ी चाल चले मतवाली

हंस के सत्ती ने कहा  बलिहारी जाऊं इस रूप में
इक दिन तुम्हारे लिए आये मुरारी इस रूप मैं
मोहिनी रूप बनाया मुरारी अब है तुम्हारी बारी

देखा मोहन ने समझ गये वो सारी बात रे
ऐसी बजाई बंसी सुध बुध भूले भोलेनाथ रे
सिर से खिसक गयी जब साड़ी मुस्काये गिरधारी 

दीनदयाल तेरा तब  से गोपेश्वर  हुआ नाम रे
ओ मेरे भोले बाबा  वृन्दावन में बना  धाम रे
ताराचन्द्र कहे ओ त्रिपुरारी राखो लाज हमारी

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम Shyam teri bansi pukare radha name

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

सॉवरे की बंसी को बजने से काम
राधा का भी नाम वो तो मीरा का भी श्याम

यमुना की लहरें बसीबट की छैया
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया
श्याम का दीवाना तो सारा बूज धाम

लोग करें मीरा को...॥

कौन जाने बॉसुरिया किसको बुलाए
जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाए
कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम

काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा - ठहरो-2 की हम रह गए है।

काफिला....
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है-3
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है।।

गुरु के पीछे लोग चलते गए,
कांरवा बन गया लोग जुड़ते गए - 2
उनको देखा तो हमने आवाज -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए है।।

करुणा कर के हमे साथ मे लेलिया-2
हम भी है साथ मे काफिला चल दिया
सारे लोगों को एक पल में दिखला दिया -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंच
ठहरो-2 की हम रह गए है।।

मौज में मन मगन जोके उड़ता गया -2
इस जहाँ के भुलावे में फंसता गया
मौज में मन मगन जोके उड़ता गया
इस जहाँ के भुलावे में फंसता गया
जमाने की जब हमको ठोकर लगी
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह।।

काफिले के सभी लोग आगे गए -2
रास्ते के नजरों में हम फँस गए
काफिले के सभी लोग आगे गए
रास्ते के नजरों में हम फँस गए
व्याधियों मव जहां की उलझ रह गए -2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह।।

आप तो पहुंचे मंजिल पर अपनी
करी कोशिशें हमने कितनी -2
बाँके की प्रार्थना सुनलो इतनी-2
ठहरो-2 की हम रह गए है
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह ।।

ठहरो-2 की हम रह गए है-3
काफिला चल के मंजिल पे पहुंचा
ठहरो-2 की हम रह गए ह-3/।।

Sundarkand Lyrics

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